Friday, April 18, 2025
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सुष्मिता को हार्ट अटैक, ज्यादा जिम, एस्ट्रोजन या स्ट्रेस है कारण? कार्डियोलॉजिस्ट से जानें महिलाएं कितना सुरक्षित


हाइलाइट्स

ज्यादा एक्सरसाइज से केटेकोलामिन, कार्टिसॉल बढ़ जाता है. इसकी वजह प्लैक फटने लगता है.
ज्यादा तनाव लेने से खून में थक्का बनने की आशंका बढ़ जाती है

Sushmita Sen Heart Attack Possible Cuases: बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन को हार्ट अटैक आने के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर हैं कि क्या महिलाओं को भी हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों की तरह ही है. आमतौर पर माना जाता है कि 50 से पहले महिलाओं में दिल से संबंधित जटिलताएं कम पैदा होती लेकिन सुष्मिता सेन के हार्ट अटैक ने इसे झुठला दिया है. इस तरह अब इसके संभावित कारणों के बारे में पता लगाया जा रहा है. हालांकि चाहे पुरुष हो या महिला, हार्ट अटैक के लिए गलत खान-पान और गलत लाइफस्टाइल ही जिम्मेदार होता है लेकिन कुछ चीजें महिलाओं को हार्ट अटैक से पुरुषों की तुलना में सुरक्षा कवर करती है.

फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली में वरिष्ठ कर्डियोलॉजिस्ट और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी कहते हैं कि यंग महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर ज्यादा होता है. एस्ट्रोजन का स्तर ज्यादा होने के कारण कुछ हद तक हार्ट से संबंधित दिक्कतों से उन्हें सुरक्षा मिलती रहती है लेकिन एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से महिलाओं को भी उतना ही हार्ट अटैक का खतरा रहता है जितना पुरुषों को रहता है.

क्या एस्ट्रोजन का प्रोटेक्शन लेयर कम हो गया
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि हार्ट अटैक के लिए मुख्य रूप से गलत खान-पान, गतिहीन जीवनशैली, डायबिटीज, बीपी, स्ट्रेस जिम्मेदार हो सकते हैं. इनमें फास्ट फूड, जंक फूड और स्मोकिंग का बहुत बड़ा हाथ होता है. अल्कोहल की थोड़ी मात्रा उतना असर नहीं करता लेकिन अगर ज्यादा मात्रा में अल्कोहल का सेवन किया जाए तो यह भी हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा देता है. डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्ट डिजीज से सुरक्षा प्रदान करता है. लेकिन सुष्मिता सेन 46 साल की हो चुकी हैं. ऐसे में एस्ट्रोजन का लेवल इस उम्र में आकर कम हो जाता है. मेनोपॉज के बाद तो यह और भी कम हो जाता है. इस लिहाज से सुष्मिता सेन को भी हार्ट डिजीज का उतना ही खतरा है जितना पुरुषों को है. बहरहाल सुष्मिता सेन के हार्ट अटैक का भी इन्हीं कारकों में से कोई कारण रहा होगा.

कहीं स्ट्रेस तो नहीं है कारण
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि सुष्मिता सेन के मामले में यह भी हो सकता है कि वह स्ट्रेस ले रही होंगी. अगर उनका स्ट्रेसफूल लाइफ रहा होगा तो यह भी हार्ट अटैक का संभावित कारण हो सकता है. डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि हमें पता नहीं कि वे स्ट्रेस ले रही थी या नहीं लेकिन स्ट्रेस हार्ट अटैक का बहुत बड़ा कारण होता है. ज्यादा तनाव लेने से इपीनेफ्रीन (एड्रिनलीन) और नोरेपिनेफरीन ( Epinephrine norepinephrine) हार्मोन बहुत बढ़ जाता है. ये हार्मोन बढ़ता है तो धमनियों में कोलेस्ट्रॉल से बने प्लैक का रप्चर होना शुरू हो जाता है. इससे खून में क्लॉट बन सकता है. और इस कारण तुरंत हार्ट अटैक आ सकता है.

सुष्मिता का फिटनेस फ्रीक तो वजह नहीं
सुष्मिता सेन काफी फिटनेस फ्रीक है. अक्सर उन्हें जिम में देखा जाता है. माना जाता है कि अगर सही से एक्सरसाइज की जाए तो हार्ट अटैक का खतरा टला रहता है. डॉ. नित्यानंद राय कहते हैं कि एक्सरसाइज अच्छी बात है लेकिन ज्यादा एक्सरसाइज दिल की सेहत के लिए अच्छा नहीं है. बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं तो खून में इंफ्लामेटरी मार्कर नोरेपिनेफरीन, इपीनेफ्रीन कॉर्टिसॉल आदि की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है. इंफ्लामेटरी मार्कर का मतलब है कि खून में सूजन को बढ़ाने वाले कंपाउंड की मात्रा बढ़ जाती है. ज्यादा एक्सरसाइज से केटेकोलामिन (catecholamines), कार्टिसॉल बढ़ जाता है. इसकी वजह धमनियां में जो कोलेस्ट्रॉल के रूप में पहले से प्लैक जमा रहता है वह फटने लगता है. धमनियों से प्लैक जैसे फटकर बाहर निकलेगा उससे खून का क्लॉट यानी थक्का बनने लगेगा. इससे तुरंत हार्ट अटैक हो सकता है.

क्या महिलाएं सुरक्षित नहीं
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी कहते हैं कि हम पहले यह सोचते थे कि महिलाओं को हार्ट अटैक कम होता था. इसकी वाजिब वजहें थी. एस्ट्रोजन हार्मोन के अलावा महिलाएं स्मोकिंग कम करती थी. अल्कोहल न के बराबर लेती थी. इसके अलावा उनका खान-पान भी पुरुषों से बेहतर होता था. इन सब वजहों से महिलाओं को हार्ट अटैक कम आता था लेकिन आज के जमाने में महिलाओं में स्मोकिंग, अल्कोहल का सेवन बढ़ा है.

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Tags: Health, Health News, Lifestyle, Sushmita sen



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