Sunday, April 27, 2025
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सूजन से हैं परेशान, रात को नहीं आती नींद, दर्द भी सताता है तो अपनाएं यह टेक्नीक, बॉडी कुछ मिनटों में ही हो जाएगी डिटॉक्स


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हमारे शरीर में अक्सर टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है. इस वजह से कभी शरीर में एनर्जी महसूस नहीं होती तो कभी थकान होने लगती है. कई बार शरीर में सूजन या जलन भी महसूस होती है. ऐसे में फुट डिटॉक्स बहुत मददगार है. इससे…और पढ़ें

पैरों में एक्यूप्रेशर मसाज करने से फायदा होता है (Image-Canva)

Foot detox benefits: शरीर का सबसे निचला हिस्सा हमारे पैर हैं. यह जब जमीन पर पड़ते हैं तो अपने साथ कई तरह के कीटाणु, धूल-मिट्टी और इंफेक्शन को साथ ले लेते हैं लेकिन इसी हिस्से को सबसे ज्यादा नजरअंदाज कर दिया जाता है. अगर पैरों पर ध्यान दिया जाए तो शरीर की गंदगी आसानी से बाहर निकल सकती है. इससे नींद अच्छी आती है, शरीर का तापमान कंट्रोल रहता है और स्किन में इंफ्लामेशन नहीं होती. पैरों में सूजन हो तो वह भी दूर हो जाती है.

पैरों को एप्सम नमक के पानी में डालें
एप्सम नमक को मैग्नीशियम सल्फेट के नाम से जाना जाता है. यह सल्फर, मैग्नीशियम और ऑक्सीजन से बना है. यह दिखने में बिल्कुल टेबल सॉल्ट की तरह होता है लेकिन नमकीन नहीं बल्कि कड़वा होता है. 1 चम्मच एप्सम सॉल्ट को पानी में डालें. पैरों को 15 मिनट के लिए इस पानी में रखें. इसके बाद पैरों पर मॉइश्चराइजर लगाएं या नारियल के तेल की मालिश करें. इससे पैरों के दर्द में आराम मिलेगा और मांसपेशियों से जुड़ी दिक्कत दूर होगी क्योंकि इससे बॉडी के टॉक्सिन निकलते हैं.

डिटॉक्स फुट पैड्स का करें इस्तेमाल
शरीर को डिटॉक्स करने के लिए आजकल फुट पैड्स भी खूब बिक रहे हैं. इसे पैरों के तलवों पर 8 से 10 घंटे लगाया जाता है. इससे शरीर की गंदगी जब बाहर निकलती है तो यह पैड्स काले या भूरे रंग के होने लगते हैं. इन्हें लगाने से बॉडी के एक्स्ट्रा केमिकल और मेटाबॉलिक वेस्ट बाहर निकलते हैं. इससे खराब सर्कुलेशन बेहतर होता है और इनके इस्तेमाल के बाद व्यक्ति रिलैक्स महसूस करता है. फुट पैड्स अगर जलन करें या एलर्जी महसूस हो तो इनका इस्तेमाल ना करें.

फुट मास्क भी है असरदार
बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए फुट मास्क भी आते हैं. इन्हें कुछ देर के लिए पैरों पर लगाकर छोड़ दिया जाता है. इसके बाद पैर धो लेने चाहिए. फुट मास्क से फंगल इंफेक्शन दूर होते हैं, डेड स्किन रिमूव होती है जिससे पैर सॉफ्ट होने लगते हैं. इसके अलावा हफ्ते में 1 बार पैरों को स्क्रब करने से भी आराम मिलता है.

फुट डिटॉक्स से पहले इन बातों का रखें ध्यान
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार फुट डिटॉक्स हर किसी को सूट नहीं करता. जिन लोगों के पैरों के ओपन पोर्स होते हैं, जिन्हें पेसमेकर या कोई दूसरा इलेक्ट्रिक डिवाइस बॉडी में लगा होता है या जिसे डायबिटीज की शिकायत हो, उन्हें इस ट्रीटमेंट से बचना चाहिए. बच्चों और प्रेग्नेंट महिलाओं को भी फुट डिटॉक्स करने की सलाह नहीं दी जाती. अगर शरीर से गंदगी को बाहर निकालना है तो फुट डिटॉक्स से हटकर दूसरे चीजें भी अपनाई जा सकती हैं. दिनभर में खूब सारा पानी पीएं, खाने में फल, सब्जी और मोटे अनाज को शामिल करें, हर रोज मोशन जाना जरूरी है और रोज एक्सरसाइज करें जिससे खूब पसीना निकलने. इन चीजों को करने से बॉडी डिटॉक्स होती है.    

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