Thursday, December 19, 2024
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सेहत के लिए बेमिसाल है यह रोटी, शुगर को खून में ही देता है गला, हार्ट डिजीज से भी छुटकारा


हाइलाइट्स

काला चना में फाइबर के साथ-साथ पोटैशियम और मैग्नीशियम भी मौजूद रहता है जो हार्ट के मसल्स को मजबूत बनाने में मददगार है.
काला चना में फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होता है जिसके कारण इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम हो जाता है.

Besan controls Diabetes: डायबिटीज में जैसे ही हम कुछ खाते हैं, वैसे ही ब्लड शुगर का ग्राफ तेजी से बढ़ जाता है. आमतौर पर हम गेंहू के आटे की रोटी या चावल मुख्य भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं और इन दोनों अनाज में कार्बोहाइड्रैट की मात्रा ज्यादा रहती है. इन दोनों से ब्लड शुगर के बढ़ने का खतरा रहता है. इसलिए एक्सपर्ट का मानना है कि गेंहू के आटे की जगह मोटे अनाज का आटा डायबिटीज के मरीजों को खाना चाहिए. इसलिए यदि आप डायबेटिक हैं तो इन आटे की जगह मोटे अनाज या काले चने का आटा खाएं. यदि आपको काला चने का आटा अच्छा नहीं लगता तो आप गेंहू के आटे में इसे मिलाकर खाएं. काला चने के आटा का सुबह सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहने के साथ कई फायदे एक साथ होंगे.

काला चने के आटे में पर्याप्त मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, कैल्शियम आदि तत्व पाए जाते हैं. प्रोटीन के कारण काला चना शरीर को संपूर्ण पोषण देता है. काला चने का आटा डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर को गलाकर शरीर से बाहर करने की क्षमता रखता है. काला चना बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी बहुत कम कर देता है.

कैसे ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है
रेडक्लिफलैब के मुताबिक काला चना में फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होता है जिसके कारण इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम हो जाता है. सुबह-सुबह यदि काला चने के आटे की रोटियों को नाश्ते में खा लिया जाए तो दिन ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है. यही कारण है कि काला चने की रोटियां डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर को मैनेज करने में बहुत मदद करती है. इसमें मौजूद डाइट्री फाइबर और प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट को शरीर में जल्दी अवशोषित नहीं होने देता है. एक अध्ययन में यहां तक पाया गया कि यदि काले चने की रोटियों का सेवन किया जाए तो ब्लड शुगर लेवल 36 प्रतिशत तक कम हो जाता है.

हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता
काला चना में फाइबर के साथ-साथ पोटैशियम और मैग्नीशियम भी मौजूद रहता है. पोटैशियम हार्ट के मसल्स को मजबूत बनाने में बहुत मददगार है. काला चना में सॉल्यूबल फाइबर भी रहता है. सॉल्यूबल फाइबर ट्राइग्लिसेराइड्स और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसलिए काला चना हार्ट के मरीजों के लिए फायदेमंद है. वहीं काला चना में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. यदि नाश्ते में काला चने के आटे की रोटियां खा ली जाए तो पूरा दिन भूख नहीं लगती और इससे वजन पर कंट्रोल करना आसान होता है.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle



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