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Sugary Drinks Side Effects: एक नई रिसर्च में पाया गया कि सोडा, फ्रूट जूस और एनर्जी ड्रिंक का सेवन टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है. वैज्ञानिकों ने बताया कि शुगरी ड्रिंक्स लिवर की मेटाबोलिक क्रिया को प्रभावित क…और पढ़ें
शुगरी ड्रिंक्स पीने से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है.
हाइलाइट्स
- सोडा और फ्रूट जूस से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है.
- शुगरी ड्रिंक्स लिवर की मेटाबोलिक क्रिया को प्रभावित करती हैं.
- हर 350ml शुगरी ड्रिंक्स से डायबिटीज का खतरा 25% बढ़ता है.
Fruit Juices & Diabetes Risk: डायबिटीज महामारी की तरह दुनियाभर में फैल चुकी है. अब तक करोड़ों की तादाद में लोग इस गंभीर बीमारी का शिकार हो चुके हैं. लगातार डायबिटीज के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. माना जाता है कि ज्यादा मीठा खाने और गलत लाइफस्टाइल से डायबिटीज की बीमारी हो जाती है. अब एक हालिया स्टडी में खुलासा हुआ है कि सोडा और फ्रूट जूस का ज्यादा सेवन करने से भी डायबिटीज हो सकती है. वैज्ञानिकों ने शुगरी ड्रिंक्स और टाइप 2 डायबिटीज के बीच लिंक खोज निकाला है, जो बेहद चिंताजनक है.
अमेरिका की ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने नई स्टडी में दावा किया है कि सोडा, फ्रूट जूस, एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसी शुगर-सोडा वाली ड्रिंक्स का सेवन टाइप 2 डायबिटीज (T2D) के जोखिम को बढ़ा सकता है. इस अध्ययन में यह पाया गया कि इन पेय पदार्थों में मौजूद शुगर सीधे शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रणाली को प्रभावित करती है और इससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि जहां अतिरिक्त शुगर से भरपूर पेय पदार्थ खतरनाक हैं, वहीं पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे साबुत फल, डेयरी उत्पाद और साबुत अनाज में मौजूद शुगर शरीर पर उतना असर नहीं डालते. इन खाद्य पदार्थों में मौजूद फाइबर, वसा, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व शुगर को धीरे-धीरे ब्लड ग्लूकोज में बदलते हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर स्थिर रहता है और लिवर पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता है. इसलिए शुगरी ड्रिंक्स से बचना चाहिए.
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लगभग आधे मिलियन से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण किया, जिसमें पाया गया कि हर 350 मिलीलीटर शुगर-युक्त पेय पदार्थ (जैसे सॉफ्ट ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, स्पोर्ट्स ड्रिंक) के दैनिक सेवन से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा 25 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. यह जोखिम पहले से ही पहली सर्विंग के साथ शुरू हो जाता है, यानी कि कोई भी न्यूनतम सुरक्षित मात्रा नहीं है.
इसी तरह, हर 250 मिलीलीटर फल के जूस के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज़ का जोखिम 5 प्रतिशत तक बढ़ सकता है. अध्ययन की मुख्य शोधकर्ता करेन डेला कॉर्टे ने कहा कि यह पहली बार है जब अलग-अलग शुगर स्रोतों और टाइप 2 डायबिटीज़ के बीच स्पष्ट डोज-रिस्पांस (खुराक-प्रतिक्रिया) संबंध दिखाया गया है. उनका कहना है कि पेय पदार्थों से शुगर लेना शरीर के लिए फल या अन्य ठोस खाद्य पदार्थों की तुलना में ज्यादा हानिकारक होता है.
शोध टीम ने निष्कर्ष निकाला कि शुगर-युक्त पेय पदार्थ और फल के रस में मौजूद शुगर सीधे लीवर की मेटाबोलिक क्रिया को प्रभावित करते हैं, जिससे लिवर में वसा जमा होती है और इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता है. इसलिए यह अध्ययन यह सुझाव देता है कि ऐसी तरल शर्करा के सेवन पर कड़ी निगरानी और सख्त सिफारिशें बनानी चाहिए ताकि मेटाबोलिक स्वास्थ्य को नुकसान से बचाया जा सके.

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें