Home Life Style सोमवती अमावस्या पर करें ये 10 सरल उपाय, पाएं पितृ कृपा और दूर करें जीवन की रुकावटें

सोमवती अमावस्या पर करें ये 10 सरल उपाय, पाएं पितृ कृपा और दूर करें जीवन की रुकावटें

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सोमवती अमावस्या पर करें ये 10 सरल उपाय, पाएं पितृ कृपा और दूर करें जीवन की रुकावटें

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Somvati Amavasya: सोमवाती अमावस्या यानी वह अमावस्या जो सोमवार के दिन आती है. साल 2025 में यह तिथि 26 मई को पड़ रही है. इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत बड़ा माना जाता है. खास बात यह है कि इस दिन वट सावित्री व्रत भी होता है, जिसे सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

इसके साथ ही, इस खास दिन पर पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ विशेष उपाय करने की परंपरा है. मान्यता है कि जब पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट होती है, तब पितृ दोष लगता है. इसका असर जीवन में बार-बार अड़चनों, बीमारियों और धन की कमी के रूप में दिखाई देता है. लेकिन सोमवती अमावस्या पर अगर सही तरीके से पूजा और उपाय किए जाएं तो इनसे राहत मिल सकती है.

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साल 2025 में कब है सोमवती अमावस्या?
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई 2025 को दोपहर 12:11 बजे शुरू होकर 27 मई की सुबह 8:31 बजे तक रहेगी. चूंकि 26 तारीख को सोमवार है, इसलिए यही दिन सोमवती अमावस्या मानी जाएगी.

पितृ दोष से मुक्ति पाने के 10 सरल उपाय
1. पितरों का तर्पण करें
सुबह स्नान के बाद पूर्वजों के नाम पर जल, तिल और खीर अर्पित करें. यह प्रक्रिया उनकी आत्मा को शांति देती है.

2. पवित्र नदी में स्नान करें
गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करके जल में तिल और पुष्प डालें. इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है.

3. पितृ गायत्री मंत्र का जाप करें
“ॐ पितृभ्य: स्वधायिभ्यो नम:” मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे मानसिक शांति और पूर्वजों की कृपा मिलती है.

4. दान करें
ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र, तिल और दक्षिणा दें. यह पुण्य का काम माना गया है.

5. पीपल के पेड़ की पूजा करें
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर सात बार परिक्रमा करें और जल अर्पित करें.

6. कुश और तिल का प्रयोग
पूजा या तर्पण में कुश घास और काले तिल का प्रयोग करें. यह परंपरा बहुत फलदायी मानी जाती है.

7. पितृ दोष निवारण यज्ञ कराएं
किसी अनुभवी पंडित से विशेष यज्ञ कराएं. यह उपाय खास तौर पर अमावस्या या श्राद्ध पक्ष में करना लाभदायक होता है.

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8. गीता का पाठ करें
श्रीमद्भगवद्गीता के सातवें अध्याय का पाठ करके पितरों के नाम पर तिल और जल चढ़ाएं.

9. रुद्राभिषेक करें
शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव का अभिषेक करें.

10. कौओं को भोजन कराएं.
कौआ पितरों का प्रतीक माना गया है. अमावस्या के दिन उसे तिल और गुड़ खिलाना बहुत शुभ माना गया है.

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