Friday, March 14, 2025
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सोशल मीडिया पर अपने बच्चों की फोटो शेयर करने वाले सावधान, पुलिस ने दी गंभीर चेतावनी


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बच्चों के पैदा होते ही उनका सोशल मीडिया अकाउंट बनाने वाले भी कम नहीं हैं, वहीं कइयों को अपने अकाउंट से बच्चों की फोटोज शेयर करने की आदत होती है लेकिन यह आदत अच्छी नहीं है। आपने गौर किया होगा कि मेटा CEO मार्क जुकरबर्ग समेत ढेरों सिलेब्रिटीज अपने बच्चों का चेहरा सोशल मीडिया पर छुपाते हैं और ऐसा करने की वजह भी है। अब असम पुलिस ने बच्चों की फोटो ना शेयर करने को लेकर चेतावनी दी है। 

भारत में भी विराट कोहली, आलिया भट्ट और सोनम कपूर जैसे सिलेब्स अपने बच्चों की फोटो छुपाते हैं और सभी पैरेंट्स को ऐसा ही करना चाहिए। बेशक आपको लगे कि फोटोज शेयर करने भर में क्या ही हो जाएगा लेकिन इसके कई बुरे पहलू हैं। सबसे बड़ा पहलू प्राइवेसी से जुड़ा है और जाहिर सी बात है, बच्चे अपने लिए तय नहीं करते कि उनकी फोटो दुनिया देखे या नहीं। 

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सहमति के बिना शेयर होती हैं फोटोज

किसी की भी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले उसकी सहमति लेना अनिवार्य होता है लेकिन बच्चों के लिए उनके माता-पिता यह फैसला लेते हैं। इस आदत को गलत माना जाता है क्योंकि सोशल मीडिया पर बच्चों की जानकारी और फोटोज शेयर करना असहमति से बढ़कर होता है और कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। यही वजह है कि असम पुलिस खास कैंपेन चलाकर पैरेंट्स को चेतावनी दे रही है 

आसानी से निशाना बन सकते हैं बच्चे

सोशल मीडिया पर बच्चों की फोटोज छुपाना इसलिए भी जरूरी है कि अपराधी आपको नुकसान पहुंचाने के लिए उन्हें जरिया ना बनाएं। बच्चों को आसानी से टारगेट किया जा सकता है और उनकी पहचान खुद शेयर करते हुए आप अपराधियों का काम आसान करते हैं। बच्चों को सही-गलत की समझ नहीं होती, ऐसे में वे किसी भी ऐसे अजनबी पर भरोसा कर सकते हैं जो सोशल मीडिया पर आपकी ओर से दी गई जानकारी के चलते उनके बारे में बहुत कुछ जानता है। 

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आइडेंडिटिटी थेफ्ट भी है बड़ा खतरा

साइबर जगत में सबसे ज्यादा होने वाले अपराधों में पहचान चोरी करना और प्रोफाइलिंग शामिल है। बच्चों को सोशल मीडिया का हिस्सा बनाने का मतलब है कि आप उनकी पहचान चोरी करने का मौका दे रहे हैं। फेक IDs बनाने के लिए आपके बच्चों का चेहरा इस्तेमाल किया जा सकता है। किसी तरह की सरकारी योजना का फायदा लेने, फ्रॉड करने या फिर बच्चों के नाम पर लोन लेने के लिए वे फोटोज इस्तेमाल की जा सकती हैं, जो आपने खुद शेयर की हैं। 

AI के साथ गलत इस्तेमाल मुमकिन

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) इन दिनों तेजी से चर्चा में हैं और उनका गलत इस्तेमाल भी डाटा माइनिंग के लिए किया जा रहा है। बच्चों की चुनिंदा फोटोज के साथ ही उनकी पहचान से जुड़ी फर्जी फोटोज, वीडियोज और अन्य डॉक्यूमेंट्स आसानी से बनाए जा सकते हैं। ऑनलाइन दुनिया में ऐसे टूल्स भी मौजूद हैं, जो किसी भी चेहरे के साथ डीपफेक वीडियोज बना सकते हैं। आप कभी नहीं चाहेंगे कि बच्चे को ऐसी ऐक्टिविटी के वीडियो का हिस्सा बनाया जाए, जो उसने कभी की ही नहीं। 



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