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उभरते हुए निशानेबाज वरुण तोमर हमेशा से अपने रिश्ते के भाई ओलंपिक निशानेबाज सौरभ चौधरी के नक्शेकदम पर चलना चाहते थे और 20 साल के इस निशानेबाज ने सोमवार को जकार्ता एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर की पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट का गोल्ड मेडल जीतकर भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल किया। तोमर शुरुआत से कई बार के वर्ल्ड कप गोल्ड मेडलिस्ट और 2018 एशियाई खेलों के चैंपियन सौरभ के साथ उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में उनकी घरेलू रेंज में प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत गोल्ड मेडल उन्हें 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा।
तोमर ने जकार्ता से पीटीआई को बताया, ‘मैंने अपने रिश्ते के बड़े भाई सौरभ को देखकर सात साल पहले निशानेबाजी शुरू की थी। वह मेरी प्रेरणा रहे हैं, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में ही सफलता हासिल की थी। मैं हमेशा उनके जैसा बनना और इंटरनैशनल लेवल पर सफलता हासिल करना चाहता था।’ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में टीम इवेंट के पूर्व गोल्ड मेडलिस्ट वरुण ने कहा, ‘मैंने सौरभ से एक साल बाद निशानेबाजी शुरू की और हम दोनों के पास शुरुआत में बागपत के बेनोली गांव में एक ही कोच (अमित श्योराण) थे।’ बागपत के गढ़ी कांगरान गांव के रहने वाले वरुण टूर्नामेंट के शुरुआती दिन व्यक्तिगत और टीम दोनों में गोल्ड मेडल जीतकर भारत के लिए 14वां ओलंपिक कोटा हासिल किया। 20 साल के तोमर ने फाइनल में 239.6 पॉइंट्स के साथ टॉप स्थान हासिल किया जबकि उनके हमवतन अर्जुन चीमा ने 237.3 पॉइंट्स के साथ सिल्वर मेडल जीता। मंगोलिया के देवाखु एंखताइवान (217.2) ने ब्रोन्ज मेडल अपने नाम किया।
इससे पहले तोमर (586), अर्जुन (579) और उज्जवल मलिक (575) की भारतीय टीम कुल 1740 पॉइंट्स के साथ टीम इवेंट में टॉप पर रही थी। ईरान और कोरिया ने क्रम से सिल्वर और ब्रोन्ज मेडल जीते। किसान परिवार से आने वाले तोमर ने कहा, ‘मुझे मार्गदर्शन देने के लिए सौरभ जैसा कोई मौजूद था, इससे मुझे काफी मदद मिली। सौरभ के अलावा मेरे परिवार में कोई भी निशानेबाज नहीं है।’ वरुण को लगभग सात साल की ट्रेनिंग के बाद पिछले साल सफलता मिली। उन्होंने भोपाल और काहिरा में वर्ल्ड कप में व्यक्तिगत ब्रोन्ज मेडल जीते।