कब हुई एनएफसी की शुरुआत
NFC की शुरुआत 2002 में हुई थी, जब यह पेमेंस सर्विस के लिए इस्तेमाल होने वाले स्मार्ट कार्ड के रूप में लॉन्च किया गया था। आजकल, NFC आपके स्मार्टफोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में भी उपलब्ध होता है और इसका उपयोग मोबाइल पेमेंट, स्मार्ट टैग, दूरसंचार में किया जाता है।
कैसे करता है काम
NFC के काम करने के लिए हैंडसेट्स को NFC चिप से लैस किया जाता है, जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की पहचान करने और इसके साथ संचार स्थापित करने की क्षमता रखता है। अगर एक NFC उपकरण को दूसरे NFC उपकरण के पास रखा जाता है और दोनों में NFC संचार सक्षम होता है, तो वे एक दूसरे के साथ डेटा को संचारित कर सकते हैं। NFC से ट्रांसफर होने वाला डेटा छोटे पैमाने पर होते हैं, जैसे कि संपर्क डिटेल, यूआरएल, क्रेडिट कार्ड की जानकारी, छोटे मैसेज आदि।
ब्लूटूथ से कितना है अलग
एनएफसी का काम डेटा को प्रॉसेस करना है। अगर दो डिवाइस में एनएफसी मौजदू हैं, तो उसे पास-पास रखकर डेटा को ट्रांसफर किया जा सकेगा। एनएफसी की रेंज 10 मीटर होती है। ऐसे में यह सेफ्टी के लिहाज से काफी सुरक्षित होता है। वही ब्लूटूथ की रेंज 100 मीटर के आसपास होती है। एनएफसी का इस्तेमाल स्मार्ट कार्ड में किया जाता है। जैसे मेट्रो गेट पर कार्ड लगाने से पैसे कट जाते हैं। साथ ही ऑटोमेटिक पेमेंट कार्ड में भी एनएफसी का इस्तेमाल किया जाता है।