Friday, July 5, 2024
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स्मार्टफोन में 2 माइक्रोफोन्स क्यों देती हैं मोबाइल कंपनियां, क्या आपको पता है इसका कारण? – India TV Hindi


Image Source : फाइल फोटो
सभी स्मार्टफोन्स में कंपनियां दो माइक्रोफोन्स उपलब्ध कराती हैं।

स्मार्टफोन आज के समय में हमारी डेली रूटीन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। स्मार्टफोन की इंपॉर्टेंस को हम इसी बात से समझ सकते हैं कि इसके बिना हम एक दिन भी नहीं बिता सकते। हर स्मार्टफोन यूजर डेली न जाने कितने बार इसे इस्तेमाल करते हैं लेकिन इसके बावजूद अधिकांश लोग इसके कुछ खास फीचर्स से अनजान रहते हैं। सभी स्मार्टफोन में कंपनी दो माइक्रोफोन देती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर कंपनियां दो माइक्रोफोन क्यों देती है?

स्मार्टफोन लेते समय लगभग सभी लोगों का ध्यान इसके कैमरे, मेमोरी, डिस्प्ले जैसे फीचर्स पर होता है। शायद ही कोई ऐसा होगा जो फोन के माइक्रोफोन की तरफ ध्यान देता होगा। आपको बता दें कि माइक्रोफोन किसी भी फोन का एक अहम पार्ट होता है और इसके बिना फोन कबाड़ के डिब्बे की तरह बन जाएगा क्योंकि इसके बिना आप किसी से बात नहीं कर सकते। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कंपनी फोन में दो माइक्रोफोन क्यों देती हैं जब एक से काम चल सकता है। आइए आपको इसके बारे में डिटेल से बताते हैं।

कंनियां क्यों देती हैं दो माइक्रोफोन?

दरअसल आपने कभी गौर किया होगा कि स्मार्टफोन के नीचे की तरफ जहां पर चार्जिंग पोर्ट होता है वहां पर एक बहुत छोटा सा बारीक सा छेद बना होता है। इस होल में ही पहला माइक्रोफोन सेट किया जाता है। कोई भी कंपनी माइक्रोफोन को इस तरह से सेट करती है कि वह हमारे लिप्स के सबसे करीब हो जिससे सामने वाले शख्स को हमारी क्लियर आवाज सुनाई दे। पहला माइक्रोफोन आवाज तो दूसरी तरफ भेजने का काम करता है। 

स्मार्टफोन में दूसरा माइक्रोफोन ऊपर की तरफ दिया जाता है। इस माइक्रोफोन में आवाज नहीं जाती। अब यह भी सोचने वाली बात है कि जब इसमें आवाज नहीं जाती तो फिर इसका क्या काम है? तो बता दें कि इसे ऊपर वाले स्पीकर के पास सेट किया जाता है। इस माइक्रोफोन का बाहरी आवाज को फोन के अंदर जाने से रोकने के काम करता है जिससे बात करते क्लियर वाइस सुनाई देती है। यह सेकंडरी माइक्रोफोन हमारे आस पास के शोर शराबे को कम करने का काम करता है।

एक साथ एक्टिव होते हैं दोनों ही माइक्रोफोन

आपको बता दें कि जब हम कोई कॉल करते हैं या फिर किसी कॉल को रिसीव करते हैं तो दोनों ही माइक्रोफोन आटोमैटिकली एक्टिव हो जाते हैं। बॉटम वाला माइक्रोफोन हमारी आवाज को पहचानता है और टॉप वाला माइक्रोफोन हमारे आस पास के शोर शराबे वाली आवाज को सॉफ्टवेयर तक पहुंचा देता है। बाद में सॉफ्टवेयर शोर शराबे वाली आवाज को पूरी तरह से खत्म कर देता है जिससे हमें क्लियर आवाज सुनाई देती है। सेकंडरी माइक्रोफोन के इस फीचर को टेक्नोलॉजी की भाषा में नॉइज कैंसिलेशन भी कहा जाता है। 

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