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हाइलाइट्स
रतनजोत के तेल को स्किन पर रेगुलर लगाने से त्वचा का ग्लो बढ़ जाता है.
रतनजोत पत्तियां पीसकर दर्द वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है.
Swad Ka Safarnama: भारतीय किचन में रतनजोत एक मसाला है और इसका प्रयोग भोजन को बेहतरीन रंग देने के लिए किया जाता है. खास बात यह है कि यह भोजन में एक अलग तरह का स्वाद तो पैदा भी करता है, साथ ही शरीर के लिए भी गुणकारी है. जिस भोजन को ‘अलग तरह का लाल रंग’ प्रदान करना हो, उसके लिए रतनजोत माकूल है. यह विदेशी पेड़ से निकला मसाला है, लेकिन भारत के कुछ राज्यों में इसकी खूब उपयोगिता है. कुछ खास तरह के आहार में यह मसाला विशेष रंगत भर देता है.
मटन की स्पेशल डिश ‘रोगनजोश’ को देता है रंगत
रतनजोत के पेड़ की विशेषता यह है कि इसके पत्तों, फल, छाल से लेकर जड़ तक का प्रयोग होता है. इन सबका इस्तेमाल अलग-अलग तरह से होता है. भोजन के लिए इसकी छाल और जड़ें इस्तेमाल की जाती है. इनका स्वाद बिल्कुल अलग तरह का माना जाता है, कुछ-कुछ मैटेलिक जैसा. इनमें से निकलने वाला रंग गाढ़ा लाल के अंदर बैंगनी रंग लिए हुए होता है, जो भोजन में अलग ही रंगत भरता है. पहले रतनजोत (मसाला) का प्रयोग जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के विशेष व्यंजनों में किया जाता था, लेकिन अब पूरे भारत के उन आहार में इसका प्रयोग किया जा रहा है, जिसकी ग्रेवी में खास रंगत देनी हो.

आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)
रतनजोत का इस्तेमाल ईंधन तैयार करने में भी किया जाने लगा है. Image-canva
जानकारी के लिए बता दें कि मटन की स्पेशल डिश रोगनजोश में खास रंगत और स्वाद रतनजोत के कारण ही आती है. रोस्टेड चिकन को भी खास कड़क रंग देने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है. कुछ बड़े होटलों में बनने वाले भट्टी चिकन में रतनजोत अलग ही स्वाद भरता है. पुरानी दिल्ली के जिस मशहूर लोटन छोले-कुलचे वाले का नाम पूरे भारत में मशहूर है, वह अपने छोलों में स्वाद और रंगत भरने के लिए रतनजोत का इस्तेमाल करता है. आजकल रतनजोत एक और वजह से नाम कमा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि इससे श्रेष्ठ श्रेणी का ईंधन भी तैयार किया जा सकता है.
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भूमध्यसागरीय क्षेत्र से निकलकर पूरी दुनिया में फैला
वनस्पति विज्ञानी मानते हैं कि रतनजोत के पेड़ की उत्पत्ति भूमध्यसागरीय क्षेत्र में हुई. कुछ फूड हिस्टोरियन का कहना है कि असल में यह साउथ अमेरिका का आदिवासी पौधा है और वहां से निकलकर यह पूरी दुनिया में पहुंचा. हजारों वर्ष पूर्व लिखे गए भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में इसके तेल का वर्णन है, जिसमें कहा गया है कि यह तेल मधुर लेकिन भारी, वात-रक्त, हृदय रोग, पेट में अफारा जैसे रोगों को हरने वाला है. वैसे ग्रंथ के अनुसार इसका प्रयोग कफ को बढ़ाने वाला है.
भारत में यह पेड़ अधिकतर राज्यों में पाया जाता है. विशेष बात यह है कि भारत में भोजन के अलावा आयुर्वेदिक दवाओं में रतनजोत का प्रयोग आम है. लेकिन कुछ देशों में रतनजोत का प्रयोग शराब, इत्र, साबुन, तेल के अलावा कपड़ों को रंगने के लिए भी किया जाता है. इसके लिए रतनजोत की जड़ का उपयोग किया जाता है.
दिल को स्वस्थ रखता है, खून का साफ करता है
गुणों के मसले में भी रतनजोत किसी से कम नहीं है. इसमें एंटिऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, इसलिए इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और सर्दी-जुकाम के अलावा एलर्जी से जुड़े रोगों में यह बचाव करता है. वैद्यराज यशवंत जाधव (घाटकोपर, मुंबई) के अनुसार रतनजोत का सेवन दिल (Heart) से जुड़ी बीमारियों में भी लाभदायक साबित होता है. यह एंटिऑक्सीडेंट तो है ही, साथ ही इसका सेवन रक्त को साफ बनाए रखता है. इसलिए हृदय की फंक्शनिंग सुचारू रहती है. यह गठिया रोग में भी लाभकारी है.

जिन लोगों को एलर्जी की समस्या रहती है उन्हें रतनजोत के सेवन से बचना चाहिए. Image-canva
रतनजोत में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण मौजूद होता है, जो दर्द और सूजन को कम करने में मददगार होता है. आयुर्वेद में कहा गया है कि अगर दर्द वाली जगह पर इसकी पत्तियों को पीसकर लगाया जाए तो यह तुरंत आराम पहुंचाता है. ऐसा भी माना जाता है कि यह पथरी में राहत पहुंचाता है. इसके लिए इसका काढ़ा काम आता है.
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भोजन में ज्यादा डाल दिया तो स्वाद बिगाड़ देगा
रतनजोत के तेल को अगर स्किन पर लगाया जाए तो उसका ग्लो बढ़ जाता है. यह झुर्रियों को भी लंबे समय तक दूर रख सकता है. उसका कारण यह है कि इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं. इसकी पत्तियों को पीसकर उसे नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से मुंहासों से छुटकारा मिल जाता है. यह दांत और मसूढ़ों के दर्द में भी लाभकारी है. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसका सीमित उपयोग ही किया जाए. अगर इसे भोजन में ज्यादा मिला दिया जाए तो यह उसका स्वाद अकबका सा कर देगा. इसके अलावा जिन लोगों को एलर्जी की समस्या रहती है, उन्हें भी इसके उपयोग से परहेज करना चाहिए. इसका ज्यादा उपयोग एसिडिटी की समस्या भी पैदा कर सकता है.
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FIRST PUBLISHED : March 01, 2023, 07:02 IST
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