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हाइलाइट्स
हरी प्याज खाने से पाचन बेहतर होने के साथ आंखों की रोशनी बेहतर होती है.
मोटापे की वजह से होने वाली डायबिटीज हरी प्याज करती है कंट्रोल.
Swad Ka Safarnama: भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी घर की रसोई में प्याज का महत्व है. यह भोजन में स्वाद तो भरती है, ग्रेवी को गाढ़ा बनाती है. प्याज का कच्चा रूप हरी प्याज के भी कम जलवे नहीं है. इसकी विशेषता है कि यह आम प्याज से कम तीखी होती है और कच्ची के साथ-साथ पकाकर भी खाई जाती है. हरी प्याज को दिल के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है और यह पाचन सिस्टम को भी दुरुस्त बनाए रखती है. आम प्याज की तरह हरी प्याज की भी रसोई में हजारों वर्षों से मौजूदगी है.
हरी प्याज की खपत बढ़ने लगी है
सामान्य प्याज जब उगती है तो जैसे-जैसे वह बड़ी होती है, जमीन के अंदर का प्याज बड़ा और गोल होता जाता है और ऊपर की घास सरीखी पत्तियां सूखती चली जाती हैं, लेकिन जब प्याज उगती है और उसका जमीन का हिस्सा बहुत बड़ा न होकर हरा या सफेद होता है और ऊपर की पत्तियां भी हरी-सफेद सरीखी होती हैं तो उसे हरा प्याज (Spring Onion) कहा जाता है. चूंकि इसकी खपत बहुत और बाजार में इसकी मांग भी है, इसलिए किसान इसे कच्चा तोड़कर भी खूब बेचते हैं.

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चीनी व्यंजनों और सूप में हरा प्याज बहुत लोकप्रिय है. Image-Canva
इसकी प्याज पूरी तरह से विकसित नहीं होती है और पत्तियां अंदर से खोखली होती और खाने योग्य होती हैं. ये दिखने में लाल प्याज से अधिक दूधिया होती हैं और इन्हें पकाकर और कच्चा भी इस्तेमाल किया जाता है. स्वाद के मसले में यह आम प्याज से कम तीखी होती है, चूंकि इसमें मुलायम हरी व सफेद पत्तियां ही होती हैं, इसलिए इसे सलाद के रूप में तो खाया जाता है, नॉनेवज विशेषकर मछली के साथ पकाने पर स्वाद ही अलग निखरकर आता है. यूरोपीय और चीनी व्यंजनों और सूप में हरा प्याज बहुत लोकप्रिय है और इसके कई प्रकार की डिश बनाई जाती है.
मिस्र में पैदा होकर भारत में भी जलवे दिखा रही है
प्याज सब्जी है और यह भारत की नहीं है, लेकिन देश ने इसे ऐसे अपनाया है, जैसे लगता है कि यह भारत की ही सब्जी है. पूरे देश में शाकाहारी, मांसाहारी व्यंजनों से लेकर सलाद के रूप में इसे खाया जाता है. इस लाल प्याज के साथ ही हरी प्याज का भी इतिहास जुड़ा हुआ है. फूड हिस्टोरियन मानते हैं कि 3200 ईसा पूर्व मिस्र के मकबरों में प्याज को आहार के रूप में दर्शाया गया है. इससे पहले करीब 4 हजार ईसा पूर्व मिस्र की सभ्यता में प्याज को पूजनीय माना गया है. भारत में प्याज का आगमन मध्य एशिया से हुआ है. इसके बावजूद भारत में प्याज का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है.
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प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में प्याज को पलाण्डु कहा गया है. ग्रंथ में इस सब्जी को कफ व वायुनाशक कहा गया है. यह शरीर में बल पैदा करती है. ग्रंथ के अनुसार हरित पलाण्डु पाचन सिस्टम को बल देती है. इसका कम तीखा अर्क हृदय की प्रक्रिया को सामान्य रखता है.
रसोई में हरी प्याज की आमद लगातार बढ़ रही है
हरी प्याज शरीर के लिए लाभकारी है और यह भी माना जाता है कि इसमें औषधीय गुण भी मौजूद हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा कि हरी प्याज किसी बीमारी का इलाज नहीं करती है. इसका सेवन शरीरिक समस्याओं से बचाव और उसके प्रभाव को कम करने में मदद करता है. फूड एक्सपर्ट व होमशेफ सिम्मी बब्बर के अनुसार चूंकि लोग विविध प्रकार और स्वाद के भोजन में रुचि दिखाने लगे हैं, इसलिए हरी प्याज की रसोई में इज्जत लगातार बढ़ रही है. चाइनीज और कॉन्टिनेंटल डिश का स्वाद तो हरी प्याज से ही उभरकर आता है. इसे कच्चा, उबालकर और पकाकर भी खाया जा सकता है.

हरी प्याज में कैल्शियम भी मौजूद होती है. Image-Canva
इस हरी प्याज से निकला अर्क हार्ट को गतिमान बनाए रखता है तो हरे और सफेद पत्ते पाचन सिस्टम को स्मूद बनाए रखते हैं. एक रिसर्च में यह भी जानकारी दी गई है कि हरे प्याज में एंटी हाइपरटेंसिव (ब्लड प्रेशर को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है. इसमें एंटीथ्रॉम्बोटिक (रक्त के थक्के को बनने से रोकने वाला) प्रभाव होता है. इससे हार्ट अटैक का जोखिम कम हो सकता है.
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कोलेस्ट्रॉल को भी कम बनाए रखती है
रिसर्च यह भी बताता है कि हरे प्याज में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है. यह प्रभाव मोटापे के कारण होने वाले मधुमेह को नियंत्रित करने का काम कर सकता है. हरे प्याज में विटामिन-ए की अच्छी मात्रा में मौजूद होती है, जिसके चलते आंखों की रोशनी में सुधार रहता है. हरी प्याज में कैल्शियम भी मौजूद होती है. यह तत्व शरीर में हड्डियों को मजबूत करता है. हरी प्याज में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव पाया जाता है, जो जुकाम के कारण नाक बंद की समस्या को कम करने में लाभकारी है. यही गुण सांसों की समस्या से भी बचाए रखता है. ऐसा माना जाता है कि हरी प्याज में एंटी-हाइपरलिपिडेमिक (कोलेस्ट्रॉल कम करने वाला) प्रभाव होता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है. इसका उपयोग संक्रमण से भी बचाता है. वैसे तो हरी प्याज में कोई विशेष साइड इफेक्ट नहीं माना जाता है. लेकिन जिन्हें प्याज से एलर्जी है, उन्हें हरा प्याज भी एलर्जी की समस्या दे सकता है. इसका अधिक सेवन मुंह में दुर्गंध का कारण बन सकता है.
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FIRST PUBLISHED : May 03, 2023, 06:57 IST
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