Home Health हजारों लोगों को मिलेगा बेहतरीन इलाज, दिल्‍ली-यूपी के इन दो आयुर्वेद संस्‍थानों को मिली मान्‍यता

हजारों लोगों को मिलेगा बेहतरीन इलाज, दिल्‍ली-यूपी के इन दो आयुर्वेद संस्‍थानों को मिली मान्‍यता

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हजारों लोगों को मिलेगा बेहतरीन इलाज, दिल्‍ली-यूपी के इन दो आयुर्वेद संस्‍थानों को मिली मान्‍यता

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नई दिल्‍ली. उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली के आसपास रहने वाले हजारों लोगों को आयुर्वेद के दो बड़े संस्‍थानों में अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर का इलाज मिलेगा. हाल ही में केन्‍द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान दिल्‍ली और केन्‍द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान झांसी को आयुष संस्‍थानों के रूप में एनएबीएच और एनएबीएल की आधिकारिक मान्‍यता दी गई है. ऐसे में ये दोनों संस्‍थान अब आधिकारिक मान्यता प्राप्त संस्थानों के प्रतिष्ठित संघ में शामिल हो गए हैं.

आयुष की बढ़ती वैश्विक मांग के बीच, भारतीय चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में संस्थान और अस्पताल तेजी से चिकित्सा बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को विकस‍ित कर रहे हैं. केन्‍द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली की स्थापना वर्ष 1979 में आयुष मंत्रालय के केन्‍द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस) के तहत की गई थी और यह आयुर्वेद में नैदानिक ​​अनुसंधान के लिए काम करने वाला संस्‍थान है. यह सामान्‍य ओपीडी के अलावा आयुर्वेद में विशेष ओपीडी, सुरक्षात्‍मक हृदय रोग विज्ञान और जीवन शैली की चुनौतियों, कान और नाक की ओपीडी, जराचिकित्सा ओपीडी, बालरोग, संधिरोग, क्लिनिकल साइकोलॉजी और मर्म ओपीडी के रूप में स्वास्थ्य देखभाल की सेवाएं मरीजों को प्रदान करता है.

केन्‍द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झांसी (उत्‍तर प्रदेश) सीसीआरएएस, आयुष मंत्रालय के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जिसमें अत्याधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं (रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, फार्माकोग्नॉसी), आयुर्वेदिक फार्मेसी, सेंट्रल हर्बेरियम और संग्रहालय, और नेशनल रॉ ड्रग्स रिपॉजिटरी (एनआरडीआर) हैं.

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बता दें कि एनएबीएच भारतीय गुणवत्ता परिषद का मूल बोर्ड है, जिसकी स्‍थापना स्वास्थ्य सेवा संगठनों के मान्यता कार्यक्रमों को स्थापित करने और उन्‍हें चलाने के लिए की गई है. आधिकारिक मान्यता राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करती है. इस उपलब्धि पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने दोनों संस्थानों के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके समर्पण और निरंतर प्रयासों के लिए बधाई दी है.

Tags: Ayurveda Doctors, Ayurvedic, Ayushman Bharat scheme

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