
[ad_1]
हाइलाइट्स
चाइनीज पत्ता गोभी सब्जी सबसे पहले चीन में पैदा हुई है.
इस सब्जी को सरसों परिवार का माना जाता है, गोभी परिवार से कोई संबंध नहीं.
Chinese Cabbage Benefits and History: आज हम आपको एक विदेशीय (Exotic) सब्जी चाइनीज पत्ता गोभी के बारे में बताने जा रहे हैं. नाम के अनुरूप यह सब्जी सबसे पहले चीन में पैदा हुई है और उसके बाद भारत समेत पूरी दुनिया में उगाई जाने लगी है. सेहत को लेकर यह सब्जी बेहद गुणकारी है. यह हड्डियों (Bones) को मजबूत बनाने में बेहद मददगार है, साथ ही हार्ट को बीमारियों से दूर रखने में भी योगदान देती है. इस सब्जी में विटामिन्स व मिनरल्स की भरमार है, इसलिए इसकी खपत अब धीरे-धीरे बढ़ रही है. भारत में भी यह सब्जी आसानी से मिलने लगी है.
पालक से अधिक है गुणकारी
चाइनीज पत्ता गोभी (Bok Choy) अब मूल्यवान (Precious) सब्जियों की लिस्ट से बाहर आ चुकी है. इसका कारण यह है कि वनस्पति विज्ञानी इस सब्जी के गुणों को पहचान चुके हैं, जिसके बाद यह कई देशों में आसानी से उगाई जा रही है. यह सब्जी इसलिए विशेष है कि इसमें पालक से अधिक विटामिन सी और ए पाया जाता है. अगर पत्ता गोभी से चाइनीज पत्ता गोभी की तुलना करें तो इसमें विटामिन ए ज्यादा होता है. कच्चा खाने में यह पत्ता गोभी से अधिक स्वादिष्ट, कुरकुरी व मीठी होती है और पकाए जाने पर यह अधिक मुलायम हो जाती है. इसे कच्चा तो आसानी से खाया ही जा सकता है, कॉन्टिनेंटल व चाइनीज डिशेज में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. इसे स्टीम्ड, ग्रिल और उबालकर भी आसानी से खाया जा सकता है. नॉनवेज के साथ स्पेशल डिशेज बनाई जा सकती है. कोरिया, चीन, जापान जैसे देशों का मशहूर आहार किमची (Kimchi) व्यंजन में तो स्वाद ही चाइनीज पत्त गोभी से भरता है. किमची एक तरह से अचारनुमा मसालेदार सलाद है, जो हर डिश के साथ खाया जाता है.

चाइनीज पत्ता गोभी (Bok Choy) अब मूल्यवान सब्जियों की लिस्ट से बाहर आ चुकी है. Image: Canva
चीन में पैदा हुई और दुनिया में फैली
यह तो जाहिर है कि चाइनीच पत्ता गोभी की उत्पत्ति चीन में ही हुई है. फूड हिस्टोरियन मानते हैं कि बोक चॉय की खेती हजारों वर्ष पूर्व चीन के यांग्त्ज़ी नदी डेल्टा में शुरू हुई. यह 14वीं शताब्दी में व्यापार मार्गों से कोरिया पहुंची, जहां यह किमची में एक प्रमुख घटक बन गई. इसे 16वीं सदी में दक्षिण पूर्व एशिया और 19वीं सदी में चीनी प्रवासियों के माध्यम से यूरोप और उत्तरी अमेरिका में लाया गया. आजकल यह ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, यूरोप, कनाडा, अमेरिका, कैरेबियन में आसानी से उगाई और बेची जा रही है. विशेष बात यह है कि इस सब्जी को सरसों परिवार का माना जाता है और गोभी परिवार से इसका कोई संबंध नहीं है. भारत में सर्दियों के मौसम में इसकी खेती की जाती है. समशीतोष्ण जलवायु इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त है.
इसे भी पढ़ें: शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करती है टाटरी, भोजन को सुरक्षित भी रखती है, रोचक है इसका इतिहास
हड्डियों के लिए बेहद विशेष है यह गोभी
भारतीय कृषि विज्ञानी व लेखक डॉ. बिश्वजीत चौधरी ने अपनी पुस्तक ‘VEGETABLES’ में जानकारी दी है कि चीनी गोभी के नाम सी ही भाषित हो जाता है कि यह चीन में पैदा हुई है. अच्छी गुणवत्ता वाली चीनी गोभी का उत्पादन केवल मध्यम से ठंडे तापमान (15° से 20°C) में ही किया जा सकता है. उनका कहना है कि इसकी सभी सांस्कृतिक क्रियाएं गोभी के समान ही हैं, इसलिए यह भारत में भी आसानी से उगाई जा रही है. फूड व न्यूट्रिशियन एक्सपर्ट इस गोभी को शरीर के लिए बेहद लाभकारी व गुणकारी मानते हैं. अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) का मानना है कि इस चाइनीज पत्ता गोभी में विटामिन के, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और फॉस्फोरस के तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने, हड्डियों की संरचना को बनाए रखने और फ्रैक्चर को रोकने में मदद करते हैं. एक सर्च यह भी है कि इसमें मौजूद विटामिन के न केवल हड्डियों के खनिज घनत्व को बढ़ाता है, बल्कि फ्रैक्चर की दर को भी कम कर सकता है.

अच्छी गुणवत्ता वाली चीनी गोभी का उत्पादन केवल मध्यम से ठंडे तापमान (15° से 20°C) में ही किया जा सकता है. Image: Canva
हार्ट और बीपी में भी लाभकारी
इस गोभी में चमत्कारिक रूप से हार्ट को बीमारियों से बचाए रखने के भी गुण मौजूद हैं. इसका सेवन धमनियों को नुकसान पहुंचाने वाले घटकों को ढीला कर देता है, जिससे ब्लड का सर्कुलेशन स्मूद रहता है. यह भी जगजाहिर है कि गोभी प्रजातियों की सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, साथ ही कोलीन (ऐसा पोषक तत्व, जो मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को स्मृति, मनोदशा, मांसपेशियों पर नियंत्रण और अन्य कार्यों को स्मूद व नियमित रखता है) भी पाया जाता है. यह तत्व शरीर की सूजन से भी लड़ते हैं और शरीर को सामान्य बीमारियों से बचाए रखने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करते हैं.
.
FIRST PUBLISHED : September 24, 2023, 07:00 IST
[ad_2]
Source link