Sunday, December 15, 2024
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हताश बिलावल ने कबूला- UN में कश्मीर पर नहीं मिल रहा सपोर्ट, भारत का नाम लेते ही जुबान लड़खड़ाई


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हताश हो चुके पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने स्वीकार किया है कि कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में उसे सपोर्ट नहीं मिल रहा है। वह लगातार इस मुद्दे को उठाता रहा है लेकिन, इसे चिंता की सूची में डालने के लिए इस्लामाबाद को मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है। जरदारी ने इस दौरान भारत का जिक्र तो किया लेकिन, नाम लेते हुए उनकी जुबान लड़खड़ा गई। कभी भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले जरदारी के सुर क्यों बदल गए हैं?

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की हताशा उस वक्त दिखी जब वो एक संवाददाता सम्मेलन में भारत का जिक्र कर रहे थे और उनकी जुबान लड़खड़ा गई। दरअसल, वो जम्मू कश्मीर में अपने देश द्वारा फैलाए जा रहे प्रोपेगेंडा का बखान कर रहे थे। कह रहे थे कि यूएन में पाकिस्तान द्वारा हर बार कश्मीर का मुद्दा उठाया जाता है लेकिन, उसे तवज्जो नहीं मिलती। इस मुद्दे को केंद्र बिंदु में लाने के लिए पाकिस्तान को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान जरदारी ने भारत का जिक्र कर दिया। 

जरदारी ने कहा,”और जब भी कश्मीर का मुद्दा उठाया जाता है, तो हमारे भीतर के दोस्त.. हमारे दोस्त… हमारे.. हमारे… हमारे… पड़ोसी देश कड़ी आपत्ति जताते हैं। मुखर रूप से आपत्ति जताते हैं और वे एक पोस्ट-फैक्ट नैरेटिव को आगे बढ़ाते हैं जहां वे कोशिश करते हैं। दावा करते हैं कि यह संयुक्त राष्ट्र के लिए कोई विवाद नहीं है।”

जरदारी ने कहा, “पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के हर मंच और मंच पर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को उठाता है, चाहे जिस विषय या एजेंडे पर चर्चा की जा रही हो। हालांकि, वह संयुक्त राष्ट्र में अपने एजेंडे के लिए कोई समर्थन प्राप्त करने में हर बार विफल रहता है। हम कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा मानता है।”

370 हटने के बाद से विवाद गहराया

गौर हो कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर की विशेष राज्य वाली स्थिति रद्द करते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना एक आंतरिक मामला था। इसने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी प्रचार बंद करने की भी सलाह दी। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है।



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