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महाराष्ट्र स्टेट एंटी टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) ने 60 वर्षीय प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार किया है। प्रदीप कुरुलकर पुणे में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रमुख फैसिलिटी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर) के निदेशक हैं। उन्हें एक पाकिस्तानी एजेंट को गोपनीय जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि वैज्ञानिक कथित तौर पर व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के माध्यम से पाकिस्तान खुफिया कर्मियों के एक एजेंट के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि यह ‘मोहपाश में फंसाने’ (हनीट्रैप) का मामला है। आरोपी रक्षा अनुसंधान संस्थान में वरिष्ठ पद पर रह चुका है और उसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया।
एटीएस की विज्ञप्ति में कहा गया कि वैज्ञानिक को पता था कि उसके पास जो आधिकारिक गुप्त जानकारी है अगर वह दुश्मन को मिल जाती है तो इससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, इसके बावजूद उसने जानकारी उपलब्ध कराई। विज्ञप्ति के मुताबिक, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुंबई में एटीएस की कालाचौकी इकाई में मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है।
कुरूलकर ने कई मिसाइलों सहित डीआरडीओ के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। उनके खिलाफ ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तार कर पुणे की एक अदालत में पेश किया गया था, जहां एटीएस ने उनकी कस्टडी ली।
अधिकारी ने कहा, “यह मुख्य रूप से हनीट्रैप का मामला प्रतीत होता है। वरिष्ठ वैज्ञानिक को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की तस्वीरों के जरिए पाकिस्तान स्थित खुफिया अधिकारियों ने अपने जाल में फंसाया। वह पिछले साल सितंबर-अक्टूबर से वॉयस मैसेज और वीडियो कॉल के जरिए पाकिस्तान स्थित ऑपरेटिव के संपर्क में था और संदेह है कि उसने ऑपरेटिव के साथ कुछ संवेदनशील जानकारी साझा की थी।”
डीआरडीओ की वेबसाइट के मुताबिक, कुरुलकर की प्रोफाइल “टीम लीडर एंड लीड डिजाइनर” की है। वैज्ञानिक ने “प्रोग्राम एडी के लिए मिसाइल लॉन्चर्स सहित कई सैन्य इंजीनियरिंग प्रणालियों और उपकरणों के सफल डिजाइन, विकास और वितरण में एक प्रमुख और अग्रणी भूमिका निभाई है।” वैज्ञानिक की प्रोफाइल की मुताबिक उसने एमआरएसएएम, निर्भय सबसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम, प्रहार, क्यूआरएसएएम, एक्सआरएसएएम, हाइपरबेरिक चैंबर और मोबाइल पावर सप्लाई और हाई प्रेशर न्यूमेटिक सिस्टम की डिजाइन, डेवलपमेंट और डिलीवरी में अहम भूमिका निभाई।
प्रोफाइल में कहा गया है, “27 मार्च, 2019 को, DRDO ने एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल मिशन शक्ति का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस मिशन का महत्वपूर्ण सबसिस्टम एक बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर का डिजाइन और डेवलपमेंट कॉन्सेप्ट से लेकर एक तैनाती योग्य प्रोटोटाइप तक था। लॉन्चर को पीएम कुरूलकर के सक्षम मार्गदर्शन और नेतृत्व में तीन महीने के बहुत कम समय में विकसित किया गया था।”
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