Thursday, December 19, 2024
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हम रोज औसतन कितना पसीना निकालते हैं, महिलाओं को क्यों आता है कम


Health Tips: आपने देखा होगा कि कुछ लोगों को गर्मियों में या सर्दियों में भी दौड़ने या व्‍यायाम करने के दौरान बहुत ज्‍यादा पसीना आता है और कुछ को कम. वहीं, महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम पसीना आता है. गर्मियों की चिलचिलाती धूप में अगर बाहर निकलना पड़ जाए या थोड़ी देर के लिए बिजली चली जाए और पंखा-एसी बंद हो जाए तो कुछ लोगों को इतना पसीना आता है कि लगता है, जैसे अभी नहाकर निकले हों. अगर आपको भी बहुत पसीना आता है तो क्‍या आपने कभी सोचा है कि एक आदमी हर दिन औसतन कितने लीटर पसीना निकलता है और महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले पसीना कम क्‍यों आता है? क्‍या बहुत ज्‍यादा पसीना आना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है या अच्‍छा रहता है?

डॉक्‍टर्स के मुताबिक, ज्‍यादा या कम पसीना आना हर व्‍यक्ति के शरीर के आकार, फिटनेस और हाइड्रेशन पर निर्भर करता है. हालांकि, हीटस्‍ट्रोक के मामले बाल्टियों पसीना आना सामान्‍य बात है. विज्ञान के मुताबिक, मानव शरीर में करीब-करीब 30 लाख पसीने की ग्रंथियां होती हैं. इनमें सबसे ज्‍यादा पसीने की ग्रंथियां हमारी हथेलियों में होती हैं. आपने देखा होगा कि कुछ क्रिकेटर्स बैटिंग करते समय बार-बार अपने बैटिंग ग्‍लव्‍स बदलते हैं. दरअसल, उन बैट्समैन को हथेलियों में बहुत ज्‍यादा पसीना आता है. इसलिए उनके बैटिंग ग्‍लव्‍स बहुत जल्‍दी गीले हो जाते हैं.

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हर घंटे अधिकतम कितना पसीना आ सकता है?
अब सवाल उठता है कि एक व्‍यक्ति एक घंटे में ज्‍यादा से ज्‍यादा कितना पसीना निकाल सकता है? विशेषज्ञों के मुताबिक, एक व्‍यक्ति एक घंटे में 0.7 लीटर से लेकर 1.5 लीटर तक पसीना निकाल सकता है. ये उसके शरीर के आकार, फिटनेस, हाइड्रेशन और काम पर निर्भर करता है. सैद्धांतिक तौर पर अगर आपने काफी पानी पिया है और आप ट्रेडमिल पर दौड़ रहे हैं तो आपको लगातार काफी पसीना आने की संभावना है. वहीं, अगर आप पार्क में दौड़ लगा रहे हैं या क्रिकेट या कोई दूसरा गेम खेल रहे हैं तो आपको ज्‍यादा पसीना आ सकता है.

अगर आप शारीरिक तौर पर बहुत ज्‍यादा सक्रिय रहते हैं तो आपको हर घंटे 1.5 से 1.8 लीटर तक पसीना आ सकता है.

एथलीट को हर घंटे कितना पसीना आ सकता है?
अगर आप शारीरिक तौर पर बहुत ज्‍यादा सक्रिय रहते हैं तो आपको हर घंटे 1.5 से 1.8 लीटर तक पसीना आ सकता है. एक ट्राइएथलीट इतने ही समय में 4 लीटर तक पसीना निकाल सकता है. संयुक्त मैराथन दौड़, 2.4 मील की तैराकी और 112 मील की बाइक की सवारी के दौरान प्रतियोगियों को करीब 15 लीटर पसीना आता है. ओंटारियो में गुएलफ यूनिवर्सिटी के एक्‍सरसाइज फिजियोलॉजिस्ट लॉरेंस स्प्रिट कहते हैं कि हमारे शरीर के वजन का 3 से 5 फीसदी कम होने के बाद पसीना निकलने की प्रक्रिया धीमी होने लगती है. एनवॉयरमेंट और एक्‍सरसाइज फिजियोलॉजिस्ट लॉरेंस आर्मस्ट्रांग ने साबित किया है कि मानव शरीर से लगातार पसीना निकलता है, चाहे वह कितना भी डिहाइड्रेट क्यों न हो.

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पसीना आना बंद होना खतरनाक है या अच्‍छा?
लॉरेंस आर्मस्ट्रांग के मुताबिक, जब तक हाइपोथैलेमस पसीने की ग्रंथियों को नर्व इंपल्‍स यानी तंत्रिका आवेग भेज रहता है, तब तक हमें पसीना आता रहेगा. उनका कहना है कि अगर आपको पसीना आना बंद हो गया तो निश्चित तौर पर कुछ बहुत ही गलत होने वाला है. स्प्रीट कहते हैं कि अगर हमारा कोर तापमान 104 डिग्री से ज्‍यादा हो जाता है तो शरीर उस बिंदु तक ज्‍यादा गरम होना शुरू हो जाता है, जहां उसके प्रोटीन विकृत हो जाते हैं. जब ऐसा होता है तो ऊतकों की झिल्लियां अपनी अखंडता खो देती हैं और चीजें लीक हो जाती हैं. ऐसे में हमारा इंटेस्‍टाइन बैक्टीरिया को रक्तप्रवाह में छोड़ सकता है और शरीर सदमे में चला जाता है. लेकिन, तब तक हम शायद बेहोश हो चुके होंगे. हो सकता है कि हम कोमा में भी चले जाएं.

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हमें कब पसीना आना होता है पूरी तरह से बंद?
विशेषज्ञों के मुताबिक, पसीने का काम हमारे शरीर के तापमान को संतुलित रखना है. दूसरे शब्‍दों में की कहें तो पसीना हमारे शरीर को ठंडा रखता है. लिहाजा, हमें हर हाल में कम या ज्‍यादा पसीना आ सकता है. आर्मस्ट्रांग बताते हैं कि हमारे शरीर का सारा पानी पसीने के तौर पर बाहर निकालना असंभव है. उनके मुताबिक, शरीर का सारा पानी मरने के बाद ही बाहर निकल सकता है. अब सवाल ये उठता है कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले पसीना काफी कम क्‍यों आता है? इसके लिए कई कारण जिम्‍मेदार हो सकते हैं.

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महिलाओं को मांसपेशियों, हाई बॉडी मास इंडेक्‍स और हार्मोन के कारण पुरुषों के मुकाबले कम पसीना आता है.

महिलाओं को कम क्‍यों निकलता है पसीना?
ये कई कारणों पर निर्भर करता है कि आप एक दिन में कितना पसीना बहाते हैं? इसमें आपके आसपास का वातावरण, बीएमआई, रोज ली जाने वाली दवाइयां और हार्मोनल व मेटाबॉलिक असंतुलन के साथ ही आपका लिंग भी जिम्‍मेदार है. दरअसल, महिलाओं को मांसपेशियों, हाई बॉडी मास इंडेक्‍स और हार्मोन के कारण पुरुषों के मुकाबले कम पसीना आता है. वहीं, जब आप गर्म और आर्द्र जलवायु में होते हैं तो आपको अधिक पसीना आता है. इसके अलावा सामान्य बीएमआई वाले लोगों की तुलना में मोटे लोगों को ज्‍यादा पसीना आता है. कुछ एंटीडिप्रेसेंट और मूड स्टेबलाइजर्स अक्सर पसीने में बढ़ोतरी का कारण बनते हैं. हाइपर-थायरायडिज्म, हाइपोग्लाइसीमिया, चिंता और रजोनिवृत्ति पसीने में वृद्धि का कारण बनती है. इसके अलावा अगर आप टीबी, हार्ट स्‍ट्रोक या ब्‍लड कैंसी की दवाइयां ले रहे हैं तो आपको बहुत ज्‍यादा पसीना आ सकता है.

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ज्यादा पसीना निकलना अच्छा है या खतरनाक?
पसीना आपके शरीर की उच्च तापमान की प्रतिक्रिया है. जब आपका तापमान बढ़ता है तो आपका मस्तिष्क पसीने की ग्रंथियों को पसीना छोड़ने का संकेत देता है. जैसे ही पसीना आता है, यह शरीर पर ठंडक का असर पैदा करता है, जो शरीर के आंतरिक तापमान को कम करता है. इसलिए गर्मी के महीनों में कसरत करने के बाद, चिंतित होने पर, तनावग्रस्त होने पर, मसालेदार खाना खाने के बाद या बुखार आनो पर पसीना आना सामान्य बात है. आपका पसीना आपकी त्वचा की एपिडर्मल बाधा को बनाए रखने में भूमिका निभाता है, ग्रंथियों से सतह तक नमी और कुछ रोगाणुरोधी पेप्‍टाइड्स पहुंचाता है. कुछ अध्ययनों के मुताबिक, पसीने की ग्रंथियां डर्मसीडिन, कैथेलिसिडिन और लैक्टोफेरिन नामक रोगाणुरोधी पदार्थों का उत्पादन करती हैं. ये आपके शरीर को त्वचा के संक्रमण से बचा सकती हैं. इसके अलावा, चिंतित होने पर हथेलियों से सबसे ज्‍यादा पसीना आता है, जिससे हालात पर आपकी पकड़ में सुधार होता है.

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बहुत ज्‍यादा पसीना कब समस्या बन जाता है?
सिर्फ पसीने में किसी तरह की गंध नहीं होती है. पसीना त्वचा पर रहने के बाद खराब गंध फैलाना शुरू करता है. त्वचा की सतह पर बैक्टीरिया पसीने में मौजूद रसायनों को तोड़ सकते हैं. ज्‍यादा पसीना लंबे समय तक शरीर के ऊपर रहने से त्वचा बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकती है, जिससे फोड़े या दाने हो सकते हैं. इसीलिए जिन लोगों को ज्यादा पसीना आता है, उन्हें त्वचा में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. ज्यादा पसीना आने पर शरीर में पानी और नमक की कमी हो सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है. अगर आपको बहुत ज्‍यादा पसीना आता है तो पहले इंफेक्‍शन, हार्मोनल इंबैलेंस या मेटाबॉलिक कंडीशन की जांच करानी चाहिए.

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अगर आपको बहुत ज्‍यादा पसीना आता है तो अपनी उम्र और लंबाई के मुताबिक वजन संतुलित बनाए रखें.

बहुत ज्‍यादा पसीना आने पर क्‍या करें?
अगर आपको बहुत ज्‍यादा पसीना आता है तो अपनी उम्र और लंबाई के मुताबिक वजन संतुलित बनाए रखें. वहीं, ढीले और सूती कपड़े पहनना फायदे का सौदा साबित हो सकता है. कुछ लोगों को डॉक्‍टर्स ज्‍यादा पसीना आने की स्थिति में बार-बार नहाने की सलाह भी देते हैं. इससे त्‍वचा से जुडी बीमारियों से बचाव हो जाता है. वहीं, जेल-बेस्ड या ऑयल-फ्री मेकअप का इस्तेमाल करें तो बेहतर रहेगा. इसके अलावा ट्रॉपिकल क्रीम और स्‍प्रे का इस्‍तेमाल अच्‍छा रहता है. वहीं, एल्यूमीनियम क्लोराइड युक्त वाइप से चेहरा साफ करते रहना फायदेमंद रहता है. अधिक गंभीर मामलों में डॉक्‍टर्स से परामर्श लेना सबसे बेहतर रहता है.

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