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Holi Colors: होली का त्योहार रंगों के बिना अधूरा है लेकिन आजकल मिलावट की दुनिया में कुछ भी शुद्ध पाना मुश्किल लगता है। होली पर भी मिलावट का साया मंडराता रहता है। रंगों के त्योहार पर रंग का कारोबार करने वाले ही रंग में भंग डालते हैं। केमिकल वाले रंगों से त्वचा को नुकसान ना हो इसके लिए बाजार में हर्बल रंग मिलने लगे हैं। जो नेचुरल प्रोडक्ट से मिलाकर तैयार किए जाते हैं। अगर आप पैकेट पर लिखे हर्बल को देखकर रंग खरीद रहे हैं तो सावधान रहें। इन दिनों कुछ मुनाफे के लिए नकली कलर यानी की हर्बल कलर के नाम पर केमिकल वाले रंग बेचे जा रहे हैं। जिनकी पहचान करना जरूरी है। अगर आपको असली और नकली रंग की पहचान करती है तो इन बातों को जरूर ध्यान में रखें।
होली के रंग में होती है ये मिलावट
होली पर मार्केट में कई तरह के रंग मिलते हैं। जिनमे गुलाल, पानी में घुलने वाले रंग और पेस्ट बिकते हैं। इन रंगों में केमिकल की मिलावट की जाती है। अक्सर गुलाल में एक्स्ट्रा चमक डालने के लिए रेत, माइका, स्टार्च, कांच के पाउडर डाले जाते हैं। वहीं कई रंगों को बनाने के लिए केमिकल जैसे कॉपर सल्फेट, क्रोमियम आयोडाइड, चांदी जैसे चमकने वाले रंगों में एल्यूमीनियम ब्रोमाइड मिलाया जाता है। अगर आप ऑर्गेनिक रंग खरीद रहे हैं तो इन बातों को जरूर ध्यान में रखें।
रंग होते हैं फीके
हर्बल रंग या ऑर्गेनिक रंग काफी फीके से होते हैं। इनमे कुछ खास रंग या चमक आपको नहीं मिलेगी। वहीं मिलावट और केमिकल मिले रंग बिल्कुल चमकते हुए और अच्छे गाढ़े रंग के दिखेंगे। जिन्हें लगाने का दिल करेगा। लेकिन ये रंग त्वचा के लिए खतरनाक होते हैं।
वाटर टेस्ट
हर्बल कलर मात्र साधारण पानी को लगाने से ही ये छूट जाते हैं। अगर आप रंग या गुलाल खरीदने जा रहे हैं तो हाथ के छोटे से हिस्से पर रंग या गुलाल लगाकर देखें। कुछ देर बाद इसे सादे पानी से हटाकर देखें। अगर ये आसानी से निकल जा रहा तो समझ जाएं कि ये हर्बल है। केमिकल वाले कलर कभी भी पूरी तरह से साफ नही होते है और त्वचा पर उनका रंग बना रहता है। ये पूरी तरह से नकली रंग होते हैं।
पैकिंग और लेबल को ध्यान से पढ़ें
अगर आप हर्बल कलर खरीद रहीं हैं तो उसकी पैकिंग पर पूरा ध्यान दें। क्योंकि अक्सर हर्बल कलर को इस्तेमाल करने का तरीका पैकेट पर लिखा होता है। वहीं उसके लेबल पर कलर में मिली सामग्री के बारे में भी लिखा होता है। पैकिंग की डेट और इस्तेमाल करने की डेट लिखी होती है। अगर पैकेट में बनने वाली सामग्री में किसी तरह का केमिकल लिखा है जो नुकसानदेह होता है तो इसे ना खरीदें।
कांच की मिलावट
गुलाल में चमकदार तत्व मिलाए जाते हैं। अगर इसमे मिलावट होगी तो कांच के महीन टुकड़े या पाउडर को मिलाया गया होता है। जो त्वचा को काट देते हैं। गुलाल खरीदने से पहले उसे हाथों की हथेली पर लगाकर रगड़ें। अगर ये त्वचा पर गड़ते हुए या रगड़ खाते हुए से समझ आते हैं तो इन गुलाल के पैकेट को कतई ना खरीदे।
सस्ते के चक्कर में ना पड़े
अगर घर में रंग खेलने का मन बिल्कुल छोटे बच्चे का है तो गुलाल खरीदते समय काफी सावधानी रखनी चाहिए। ज्यादातर हर्बल रंग महंगे होते हैं। आप अगर रंग खऱीदने में पैसा बचा रहे हैं तो हो सकता है कि केमिकल वाले नकली रंग बाजार से घर ला रहे हों।
नकली रंग से क्या होता है नुकसान
नकली रंग को त्वचा पर लगाने से त्वचा संवेदनशील हो जाती है और उसमे एलर्जी होने का डर रहता है। गुलाल में मिले कांच के कणों के आंखों में जाने का डर रहता है. वहीं ये कलर आंख, फेफड़े पर बुरा असर डालता है।
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