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In vitro fertilization Process: इन विट्रो फर्टिलाइजेशन को आम बोलचाल की भाषा में IVF कहा जाता है. यह फर्टिलाइजेशन की एक प्रक्रिया है, जिसमें लैब में महिला के अंडाशय से अंडे निकालकर शुक्राणुओं के साथ कंबाइंड कर भ्रूण तैयार किया जाता है. इसके बाद भ्रूण को महिला के गर्भाशय में पहुंचाया जाता है. जो लोग नैचुरल तरीके से माता-पिता नहीं बन पाते, वे लोग आईवीएफ के जरिए पेरेंट्स बनने का सपना पूरा करते हैं. आईवीएफ प्रक्रिया के जरिए हर साल लाखों की तादाद में लोग पेरेंट्स बनने का सुख प्राप्त कर रहे हैं. हालांकि इस प्रोसेस को लेकर अब भी लोगों के दिमाग में कई गलतफहमी हैं. इससे जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब एक्सपर्ट से जान लेते हैं.
महाराष्ट्र के सोलापुर स्थित अपोलो फर्टिलिटी की स्पेशलिस्ट डॉ. मीनल मीनल चिडगुपकर कहती हैं कि जो कपल्स नेचुरल तरीके से प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं कर पाते या जिन महिलाओं की प्रेग्नेंसी नहीं रुकती, उनके लिए आईवीएफ का सहारा लिया जाता है. इस प्रक्रिया में लैब में भ्रूण तैयार किया जाता है और फिर उसे महिला के गर्भाशय में लाइनिंग करके डाला जाता है. इससे महिला के मां बनने का सपना पूरा हो जाता है. यह प्रक्रिया सुरक्षित मानी जाती है और काफी सक्सेसफुल भी मानी जाती है. तमाम लोग इस प्रक्रिया के जरिए पेरेंट्स बन रहे हैं.
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कितनी सक्सेसफुल होती है IVF प्रोसेस?
डॉ. मीनल मीनल चिडगुपकर के अनुसार IVF का सक्सेस रेट दो महत्वपूर्ण कारकों पर निर्भर करता है. पहला लैब में तैयार किया गया भ्रूण किस ग्रेड का है और दूसरा महिला की उम्र क्या है. आमतौर पर कम उम्र की महिलाओं में आईवीएफ प्रक्रिया ज्यादा सक्सेसफुल रहती है और ज्यादा उम्र की महिलाओं में यह प्रक्रिया कम सफल होती है. 35 साल से कम उम्र की महिलाओं में इसका सक्सेस रेट सबसे ज्यादा होता है. आईवीएफ कुछ मामलों में अनसक्सेसफुल भी हो सकता है. हालांकि डॉक्टर जांच के बाद इसका पता लगा सकते हैं. साथ ही इसे ज्यादा सक्सेसफुल बनाने के लिए कुछ तरीके भी अपनाते हैं.
ऐसे IVF को बनाया जाता है सक्सेसफुल
फर्टिलिटी एक्सपर्ट की मानें तो आईवीएफ को सक्सेसफुल बनाने के लिए सबसे पहले कपल्स की पूरी जांच की जाती है. अगर उनमें फर्टिलिटी से जुड़ी या किसी अन्य तरह की परेशानी देखने को मिलती है, तो पहले उसका ट्रीटमेंट किया जाता है. ऐसा करने से आईवीएफ को ज्यादा कारगर बनाने में मदद मिलती है. इस दौरान महिला के गर्भाशय की क्षमता और पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी भी चेक की जाती है. इसके बाद जरूरत के अनुसार इलाज किया जाता है.
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Tags: Health, IVF, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : March 21, 2023, 13:15 IST
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