Thursday, December 12, 2024
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हाईकोर्ट ने ऐसा क्या कह दिया कि HC जज को जाना पड़ गया सुप्रीम कोर्ट, की यह अपील


नई दिल्ली: एक असामान्य मामले में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश ने आतंकवाद से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय की पीठ द्वारा उनके खिलाफ की गई ‘कुछ अपमानजनक टिप्पणियों’ को हटाने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. न्यायाधीश ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत के न्यायाधीश के रूप में उक्त मामले में फैसला सुनाया था. जिसके खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई के दौरान गुवाहाटी उच्च न्यायालय की पीठ ने कथित ‘अपमानजनक टिप्पणी’ की.

उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार कर लिया है. शीर्ष अदालत ने एनआईए को नोटिस जारी किया और ‘याचिकाकर्ता की पहचान का खुलासा’ किए बिना मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की अनुमति दी. पीठ ने अपने 10 अक्टूबर के आदेश में मामले को अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.

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अधिवक्ता सुमिरन शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में न्यायाधीश ने 11 अगस्त के उच्च न्यायालय के फैसले में उनके खिलाफ की गई ‘कुछ अपमानजनक टिप्पणियों’ को हटाने का अनुरोध किया है. उच्च न्यायालय ने उन कई लोगों को बरी कर दिया था जिन्हें पहले निचली अदालत ने भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम या यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत कथित अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था.

न्यायाधीश ने याचिका में कहा कि 22 मई, 2017 को उन्होंने ‘विशेष न्यायाधीश, एनआईए, गुवाहाटी, असम के तौर पर विशेष एनआईए मामले में फैसला सुनाया… आरोपी व्यक्तियों को आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधि (निवारण)अधिनियम, 1967 और शस्त्र अधिनियम, 1959 के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया.’

न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने 13 दोषी व्यक्तियों को कानून के मुताबिक अलग-अलग सजाएं सुनाई। इसके बाद, दोषियों ने सजा के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिसने इस साल 11 अगस्त को अपना फैसला सुनाया. उन्होंने कहा, ‘याचिकाकर्ता सम्मानपूर्वक यह रुख रखता है कि अपील पर निर्णय लेने के लिए उक्त टिप्पणियां आवश्यक नहीं थीं और इसलिए इनसे बचा जाना चाहिए था.’

Tags: Guwahati, Guwahati News, Judges, Supreme Court



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