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साइंटिफिकली जब 3 दिन तक बाउल मूवमेंट नहीं होता तो उसे कब्ज माना जाता है। हालांकि कब्ज की सिचुएशन हर इंसान के साथ अलग होती है। डाइट में फाइबर और लिक्विड की कमी ज्यादातर कब्ज की मेन वजह होती है। इसलिए हमेशा डाइट में फाइबर से भरपूर फूड्स खाने की सलाह दी जाती है। केवल फूड्स ही नहीं कई सारे फल भी हैं जो कब्ज की प्रॉब्लम दूर करने में मदद करते हैं। ये नेचुरल फाइबर रिच फ्रूट्स हैं जिन्हें डेली डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। कई बार कब्ज होने की वजह फाइबर और लिक्विड की कमी के अलावा भी होती है। जैसे डेली रूटीन में बदलाव, फिजिकल वर्क या एक्सरसाइज की कमी। ऐसे में दवाओं पर भरोसा करने के बजाय इन फ्रूट्स को खाएं। जो कब्ज की समस्या को फौरन दूर करने में मदद करते हैं।
Best Fruit For Constipation
नाशपाती
1 नाशपाती में लगभग 5.5 ग्राम फाइबर की मात्रा होती है। जो कि डेली डाइट का करीब 20 प्रतिशत जरूरत पूरी करने के लिए काफी है। नाशपाती में सॉल्यूएबल और इनसॉल्यूएबल दोनों तरह का फाइबर होता है। जो गट हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है। नाशपाती के छिलके में इनसॉल्यूएबल मौजूद होता है जो पानी में घुले बगैर स्टूल को गट से बाहर निकालने में हेल्प करता है।
साइट्रस फ्रूट्स
खट्टे फलों में फाइबर की मात्रा भरपूर होती है। चकोतरा, ऑरेंज ऐसे फल हैं जिन्हें अगर रोज खाया जाए तो ये कब्ज की समस्या को कम करते हैं। यूएसडीए के अनुसार एक चकोतरा और एक संतरे में करीब 4 ग्राम फाइबर होता है।
कीवी
कीवी को हाई फाइबर फ्रूट्स की लिस्ट में शामिल किया जाता है। इसलिए कीवी प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बेस्ट होता है। इसे खाने से नेचुरली कब्ज की समस्या कम होती है और सारे जरूरी न्यूट्रिशन भी मिलते हैं। एक कीवी में करीब 2 ग्राम फाइबर होता है। अगर कीवी के छिलके को भी खाया जाए तो ना केवल न्यूट्रिशन बढ़ जाता है बल्कि फाइबर भी ज्यादा मिलता है।
अमरूद
अमरूद में फाइबर की अच्छी खासी मात्रा होती है। जिसे खाने से कब्ज की समस्या नेचुरली कम होती है। अमरूद में मौजूद तत्व बाउल मूवमेंट में मदद करते हैं। जिससे कब्ज की छुट्टी होती है।
ड्रैगन फ्रूट
ड्रैगन फ्रूट दो तरह का होता है। लाल छिलका और पीला छिलके वाला। जिसके अंदर काले रंग के छोटे-छोटे बीज होती है। हालांकि इसका छिलका खाने लायक नहीं होता है। ड्रैगन फ्रूट्स में करीब 5 ग्राम फाइबर की मात्रा होती है। ड्रैगन फ्रूट को खाने का सबसे बढ़िया तरीका स्मूदी बनाकर खाना है। जिससे फाइबर लेने की मात्रा बढ़ जाती है।