Home Health हाई बीपी की दवा से झड़ते बालों की समस्या होगी दूर, स्टडी में सामने आई बात

हाई बीपी की दवा से झड़ते बालों की समस्या होगी दूर, स्टडी में सामने आई बात

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हाई बीपी की दवा से झड़ते बालों की समस्या होगी दूर, स्टडी में सामने आई बात

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हाइलाइट्स

समय से पहले बालों के झड़ने को एड्रोजेनेटिक एलोपसिया (androgenetic alopecia) कहते हैं.
आजकल कई ऐसी तकनीकी आ गई है जिसकी मदद से झड़ते या कम होते बालों का इलाज किया जा सकता है.

Hair loss treatment from high bp drug: कम उम्र में बालों का झड़ना या बालों का सफेद होना आज पूरी दुनिया के लिए समस्या बनती जा रही है. 30 साल से कम उम्र में ही आजकल अधिकांश लोगों के बाल झड़ने लगते हैं. बालों को झड़ने से बचाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं लेकिन कोई नुस्खा काम नहीं आता. अब एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि झड़ते बालों का इलाज हाई बीपी की दवा से किया जा सकता है. दरअसल, सिर गंजा होने से कोई तकलीफ तो नहीं होती लेकिन यह भावनात्मक रूप से व्यक्ति को हमेशा शर्मिंदगी का अहसास दिलाता है. जब भी कोई अपने सिर को आइने में देखते हैं तो उसे सिर पर बाल नहीं देखकर या कम देखकर निराशा होती है. सचमुच बालों के बीच में स्कैल्प दिखना बहुत बुरा है.

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समय से पहले बालों के झड़ने को एड्रोजेनेटिक एलोपसिया (androgenetic alopecia) कहते हैं. इस बीमारी में सबसे पहले बालों को सपोर्ट देने वाले फॉलिकल्स बंद होने लगते हैं जिसके कारण बाल पतले होने लगते हैं. इसके बाद बाल झड़ने लगते हैं और अंततः बाल कम होने लगते हैं. इसके लिए कई तरह के फेक्टर जिम्मेदार होते हैं. पर अच्छी बात यह है कि आजकल कई ऐसी तकनीकी आ गई है जिसकी मदद से झड़ते या कम होते बालों का इलाज किया जा सकता है. अगर समय से पहले बाल पतले होने लगे तो आधुनिक युग में इसका इलाज संभव है. कई ऐसी तकनीक हैं जिनकी मदद से बालों को दोबारा घना बनाया जाता है.

तीन से छह महीने में असर

हार्वर्ड मेडिकल की वेबसाइट पर बर्मिंघम एंड वूमेंस हॉस्पिटल की प्रोफेसर डॉ कैथी हुआंग कहती हैं, “बालों के झड़ने का कारण जानकर बालों को कम होने से बचाया जा सकता है. इसके लिए यह जानना जरूरी है कि बाल जेनेटिक कारणों से पतले हो रहे हैं या एंड्रोजेनेटिक एलोप्सिया के कारण या कुछ अन्य कारण इसके लिए जिम्मेदार है.” डॉ कैथी ने कहा कि अगर अन्य कारणों से बाल झड़ रहे हैं तो पहले उसका इलाज कर फिर टेलोजेन इफलुवियम (Telogen effluvium) से बालों को झड़ने से रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि टेलोजेन इफलुवियम तीन से छह महीनों में अपना असर दिखाने लगता है. उन्होंने कहा कि जो लोग एंड्रोजेनेटिक एलोप्सिया से पीड़ित हैं उनमें इस इलाज के माध्यम से पहले हेयर फॉलिकल्स को बढ़ाया जाता है ताकि बाल उसमें खड़े हो सके और फिर घना हो सके.

इलाज पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी

हालिया एक अध्ययन में दावा किया गया है कि हाई ब्लड प्रेशर की दवा मिनॉक्सीडिल टैबलेट हेयर लॉस के इलाज में बहुत अधिक कारगर है. यह पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है. डॉ कैथी हुआंग ने कहा है कि पिछले कुछ सालों में हमने मिनॉक्सीडिल दवा से हेयर लॉस में काम करते हुए देखा है. यह बहुत अच्छा रिजल्ट दे रही है. यह उन लोगों के लिए अच्छा है जिन्हें मिनॉक्सीडिल के लिक्विड फॉर्म वाली दवा से फायदा नहीं मिलता है. यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिन्हें लिक्विड लगाने के बाद इरीटेशन होता है. इसके अलावा खाने की कई दवा है जिनसे हेयर लॉस का इलाज किया जाता है लेकिन ओरल दवा का साइड इफेक्ट है. कुछ लोगों को मिनॉक्सीडिल लेने के बाद ब्लड प्रेशर लो हो सकता है और हार्ट बीट बढ़ सकता है. इसलिए हेयर लॉस का इलाज डॉक्टरों की देखरेख में ही करना चाहिए.



सप्लीमेंट
-डॉ हुआंग ने बताया कि हेयर लॉस के कारणों का पता लगाकर कुछ सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं. अगर दवा काम नहीं करती है तो मरीज को सप्लीमेंट दिया जा सकता है. हालांकि इसकी कीमत ज्यादा हो सकती है.

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