Sunday, December 15, 2024
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हापुड़ लाठीचार्जः लखनऊ और मेरठ में वकीलों का कार्य बहिष्कार, कहा- सभी मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल


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हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में लखनऊ और हापुड़ के वकीलों ने बुधवार को भी न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया और हड़ताल पर रहे। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने लखनऊ में राज्य के मुख्य सचिव के साथ बातचीत के बाद 14 सितंबर को हड़ताल वापस ले ली थी। इसके बाद भी लखनऊ बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला किया। लखनऊ बार एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप नारायण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लखनऊ बार एसोसिएशन की आम सभा की बैठक मंगलवार को हुई। इसमें वकीलों ने 21 सितंबर तक न्यायिक कार्य से दूर रहने और उस दिन भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि हापुड़ लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई और इससे वकीलों में आक्रोश है। नारायण ने कहा कि हम हापुड़ के वकीलों के साथ हैं। उनकी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा हड़ताल वापस लेने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने 15 सितंबर को हापुड़ के अपर पुलिस अधीक्षक सहित तीन अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था। पुलिस अधीक्षक (हापुड़) अभिषेक वर्मा ने बताया था कि सरकार के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मुकेश चंद्र वर्मा, क्षेत्राधिकारी (शहर) अशोक कुमार सिसोदिया और हापुड नगर के थाना प्रभारी सतेंद्र प्रकाश सिंह को जिले से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश में वकील हापुड में कथित पुलिस लाठीचार्ज को लेकर 30 अगस्त से हड़ताल पर थे। हापुड़ बार एसोसिएशन के सचिव नरेंद्र शर्मा के मुताबिक, वकीलों ने मांग की है कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का तबादला किया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए।

गोरखपुर से मिली जानकारी के अनुसार सिविल कोर्ट लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज पांडेय ने कहा कि गोरखपुर में वकील मंगलवार को हड़ताल पर थे लेकिन बुधवार से उन्होंने अपना काम फिर से शुरू कर दिया। गोरखपुर में वकील 30 अगस्त से हड़ताल पर थे।

अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम की मांग के समर्थन में वकील हर शनिवार को विरोध प्रदर्शन करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में अधिवक्ता संरक्षण विधेयक तैयार करने के लिए मंगलवार को तीन सदस्यीय समिति के गठन का फैसला किया है।

राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक अधिवक्ता संरक्षण विधेयक तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जा रहा है। विधि विभाग के प्रमुख सचिव इस समिति के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा अपर महानिदेशक (अभियोजन) इसके सदस्य बनाए जाएंगे। साथ ही इसमें उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के एक प्रतिनिधि को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा।

बार काउंसिल से अपने सदस्य का नाम देने का अनुरोध किया गया है। समिति सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद अपनी सिफारिशों से राज्य विधि आयोग को आगे की कार्रवाई पर विचार के लिए अवगत कराएगी। गौरतलब है कि गत 29 अगस्त को हापुड़ जिले में वकीलों पर पुलिस लाठीचार्ज की घटना के बाद राज्य भर के सभी जिला बार संगठनों द्वारा अधिवक्ता सुरक्षा कानून की मांग की जा रही है।



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