Home National हाय रे सिस्टम! 17 साल से कोमा में पड़े सिपाही का वेतन किया बंद, दरभंगा SSP ने कही ये बात

हाय रे सिस्टम! 17 साल से कोमा में पड़े सिपाही का वेतन किया बंद, दरभंगा SSP ने कही ये बात

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हाय रे सिस्टम! 17 साल से कोमा में पड़े सिपाही का वेतन किया बंद, दरभंगा SSP ने कही ये बात

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रिपोर्ट-विपिन कुमार दास

दरभंगा. बिहार के दरभंगा जिले में विभाग ही अपने कर्मी का दुश्मन बन गया, जब कोमा में पड़े एक सिपाही का वेतन बंद कर दिया. यह मामला दरभंगा पुलिस लाइन में जिंदगी और मौत के बीच 17 सालों से जूझ रहे सिपाही लखेंद्र चौधरी का है. दरअसल पुलिस विभाग ने वेतन यह कहते हुए बंद कर दिया कि लखेंद्र चौधरी ऑन ड्यूटी नहीं है.

दरभंगा पुलिस के जवान लखींद्र चौधरी वर्ष 2006 के पंचायत चुनाव के लिए बैलेट पेपर लाने कोलकाता गए थे. लौटने के क्रम में पुलिस जीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इसके बाद से ही लखींद्र चौधरी कोमा में चले गए. तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद उनको दरभंगा डीएमसीएच अस्पताल लाया गया था. इसके बाद डॉक्टर ने उनको पटना रेफर कर दिया. फिर पटना ने दिल्‍ली एम्स जाने की सलाह दी. वहीं, पुलिस विभाग सिपाही को अस्पताल में भर्ती करवा अपना फर्ज निभा चलता बना. परिवार पर अचानक दुखों का पहाड़ टूट गया. किसी तरह दिल्ली गए, लेकिन एम्स में दाखिला नहीं मिला. मरीज के इलाज के लिए परिजन कई सरकारी और निजी अस्पतालों का चक्कर लगाते रहे, लेकिन वह ठीक नहीं हो सके. वहीं, पुलिस ने दिल्‍ली एम्‍स में भर्ती कराने का प्रसास नहीं किया.

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इलाज में जमीन और जेवर तक बिक गए
इलाज में पांच कट्ठा जमीन बिक गई, तो पत्नी सीमा देवी ने अपने जेवर बेच पैसे इजाज में लगा दिए. हालांकि लखींद्र चौधरी ठीक नहीं हुए. पैसे की कमी हुई तो परिवार लखींद्र चौधरी को लेकर पुनः दरभंगा लौट आया. पिछले 17 वर्षों से लखींद्र कोमा में ही हैं और वह दरभंगा पुलिस लाइन के सरकारी आवास में बिस्तर पर पड़े हैं. जबकि परिवार हर पल लखींद्र को मौत के करीब जाता देख रहा है, लेकिन चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहा है.

कोमा के बीच ही कई बार किया गया तबादला
पुलिस जवान लखींद्र चौधरी का बीमारी के बीच कई बार तबादला भी कर दिया गया. हालांकि परिवार की विनती पर उसे रोक दिया गया, लेकिन अब तो पुलिस विभाग ने सारी हद पार करते हुए वेतन पर ही रोक लगा दी है.वेतन रोकने का कारण अपने कर्तव्य से अनुपस्थित होना बताया गया. अब सवाल यह है कि जो जवान पिछले 17 वर्षों से कोमा में है वह भला ड्यूटी पर कैसे जा सकता है? पत्नी सीमा देवी ने बताया कि एसएसपी से मिलकर वेतन बंद होने की शिकायत की, लेकिन जवाब में कहा गया तुम्हारा पति मर जाता है, तो मर जाए. कई बार इनका इसी हाल में तबादला भी कर दिया गया था, लेकिन दरभंगा आईजी से मिलने के बाद तबादला रुक गया था. अब जब कहीं से मदद नहीं मिल रही है, तो आगे बिहार के मुख्यमंत्री और DGP से मिल कर अपनी फरियाद लगायेंगे, ताकि इनका इलाज हो सके और वेतन मिल सके.

परीक्षा फॉर्म भरने के रुपये नहीं
वहीं बीमार पुलिस जवान की पुत्री निशा कुमारी ने बताया कि पिताजी की हालत देख बहुत दुःख होता है. जब पापा का एक्सीडेंट हुआ था तब वह बहुत छोटी थी. बहुत चीजें याद नहीं, लेकिन पिछले 17 वर्षों से पिता कोमा में ही चल रहे हैं. BA पार्ट थ्री में नामांकन फॉर्म भरने के लिए भी पैसे नहीं हैं. समझ में नहीं आ रहा की पापा का इलाज कैसे होगा? उनकी पढ़ाई का क्या होगा?

मुख्यमंत्री से लेकर वरीय अधिकारी से लगाई गुहार
सामाजिक कार्यकर्ता रविंद्र नाथ सिंह उर्फ़ चिंटू सिंह ने बताया कि उन्हें इसी 15 मार्च को पुलिस जवान लखींद्र चौधरी की घटना का पता चला. इसके बाद उन्‍होंने बिहार के DGP से मिलकर आवेदन दिया है, ताकि उन्हें विभाग के आलावा सरकारी सुविधा मिल सके. उन्होंने बताया कि सरकार और विभाग पीड़ित की कोई मदद नहीं कर पाया. उल्टे फरवरी माह से उनका वेतन भी बंद कर दिया गया. यह घोर लापरवाही है. कोई कोमा वाला व्यक्ति भला अपनी ड्यूटी कैसे कर सकता है?

कार्रवाई नियम संगत: एसएसपी
दरभंगा के एसएसपी अवकाश कुमार ने भी बीमार लखींद्र चौधरी के वेतन रोके जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि पूरी कार्रवाई नियम संगत हुई है. उन्होंने दलील देते हुए कहा कि सैलरी ड्यूटी देने के बाद ही मिलती है. ऐसा ही प्रावधान है. हालांकि किसी भी कारण से कोई बीमार रहता है, तो नौकरी के दौरान जो छुट्टिया होती हैं, सभी दी जाती है. इनके केस में वह सभी ऑप्शन समाप्त हो गए हैं. परिवार भी वित्तीय संकट से जूझ रहा है यह भी पता है, लेकिन ऐसी परिस्थिति में कैसे सैलरी देनी है इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है. वरीय अधिकारी से दिशा निर्देश मांगा जायेगा.उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बताया कि अभी किसी भी सूरत में पीड़ित जवान को वेतन नहीं दे सकते हैं. जवान के इलाज के लिए अपने स्तर से मदद देने का भरोसा दिया है.

Tags: Bihar Government, Bihar police, CM Nitish Kumar, Darbhanga news

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