Monday, March 10, 2025
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हार्ट का दुश्मन कोलेस्ट्रॉल के बारे में कितना जानते हैं आप, ये 5 चीजें जान लेंगे तो दिल बना रहेगा फौलाद


हाइलाइट्स

गुड कोलेस्ट्रॉल 60 से ज्यादा होना चाहिए. अगर गुड कोलेस्ट्रॉल ज्यादा रहेगा तो बैड कोलेस्ट्रॉल अपने आप कम हो जाएगा.
कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने के लिए मुख्य रूप से शिथिल दिनचर्या और गलत खान-पान जिम्मेदार है.

What is Cholesterol: आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल को विलेन मान लिया जाता है लेकिन जब कोलेस्ट्रॉल की बात आती है इसे सही से समझने की जरूरत है क्योंकि एक कोलेस्ट्रॉल जीवन के लिए जरूरी है तो दूसरा कोलेस्ट्रॉल जीवन के लिए दुश्मन है. कोलेस्ट्रॉल एक चिपचिपा मोम की तरह का पदार्थ है जो खून में दौड़ता रहता है और अंगों तक पहुंचता रहता है. सामान्य तौर पर यह बुरा नहीं होता है लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा हो जाए तो यह हार्ट के लिए दुश्मन बन जाता है. शरीर को जितने कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है वह लगभग लिवर से बन जाता है लेकिन बाकी कोलेस्ट्रॉल हमारे भोजन से शरीर को मिलता है.

हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक कोलेस्ट्रॉल फैट, लिपिड या वसा का ही रूप है जो खून के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में पहुंचता है. इसे लाइपोप्रोटीन कहते हैं. लाइपोप्रोटीन दो तरह के होते हैं-लो डेंसिटी लाइपोप्रोटीन या (LDL)और हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन या (HDL)एलडीएल को बैड कोलेस्टॉल माना जाता है क्योंकि यह ज्यादा होने पर खून की धमनियों में जमा होने लगता है और इसे पतली करने लगता है. इससे हार्ट की बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है.

कोलेस्ट्रॉल के बारे में 5 जरूरी बातें

1.चार तरह के कोलेस्ट्रॉल-कोलेस्ट्रॉल में मुख्य रूप से चार तरह की चीजें आती हैं. एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL), एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL), ट्राइग्लिसराइड्स  और वीएलडीएल लेवल (VLDL). इनमें गुड कोलेस्ट्रॉल 60 से ज्यादा होना चाहिए. अगर गुड कोलेस्ट्रॉल ज्यादा रहेगा तो बैड कोलेस्ट्रॉल अपने आप कम हो जाएगा. वहीं ट्राइग्लिसराइड्स  150 से 200 के बीच होना चाहिए. इससे ज्यादा होने पर यह धमनियों की दीवार को सख्त बना देता है जिससे धमनियों के फटने का डर रहता है. वीएलडीएल प्लैक बनाता है और ट्राईग्लिसराइड्स को भी कैरी करता है.

2.एलडीएल कोलेस्ट्रॉल हार्ट का दुश्मन- एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल, यही सबसे बड़ा विलेन कोलेस्ट्रॉल है. यह खून की धमनियों में प्लॉक यानी गंदा चिपचिपा पदार्थ बनाने लगता है जिससे धमनियों में ब्लॉकेज होने लगता है.

3.एलडीएल से कई तरह की परेशानियां-अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कार्डिएक अरेस्ट, हार्ट फेल्योर, डायबिटीज, धमनियों की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर आदि का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

4.किन चीजों से है जोखिम-कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने के लिए मुख्य रूप से शिथिल दिनचर्या और गलत खान-पान जिम्मेदार है. इसका मतलब है कि दिन भर बिना शरीर को हिलाए-डुलाए गतिहीन रहना और जंक फूड, फास्ट फूड, तली-भुनी चीजें, ज्यादा चीनी, सॉफ्ट ड्रिंक आदि का सेवन ज्यादा करना. इसके साथ ही सिगरेट, शराब आदि का सेवन करने वाले को हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा रहता है.

5.किस तरह कोलेस्ट्रॉल को करें कंट्रोल-अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक तीन चीजें कोलेस्ट्रॉल पर लगाम लगाती है-चेक, चेंज और कंट्रोल. चेक का मतलब है कि 20 साल के बाद नियमित रूप से लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराते रहे. इससे पता चलेगा कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ा या नहीं. पता लगने पर इसे आसानी से कम किया जा सकता है. चेंज का मतलब लाइफस्टाइल और डाइट को बदलें. इसमें रोजाना एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट को शामिल करें. साबुत अनाज, हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फल और कुदरती भोजन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखता है. तीसरा है कंट्रोल-यानी अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है तो डॉक्टर से संपर्क करें और दवाई शुरू कर दें.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle



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