Home Life Style हार्ड सेल्टज़र: युवाओं की नई पसंदीदा ड्रिंक, भारत में बढ़ रहा है इसका क्रेज, यहां जानें क्यों

हार्ड सेल्टज़र: युवाओं की नई पसंदीदा ड्रिंक, भारत में बढ़ रहा है इसका क्रेज, यहां जानें क्यों

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हार्ड सेल्टज़र: युवाओं की नई पसंदीदा ड्रिंक, भारत में बढ़ रहा है इसका क्रेज, यहां जानें क्यों

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हाइलाइट्स

यह एक ऐसी ड्रिंक है जिसमें शराब और सोडा का मिश्रण होता है.
आमतौर पर इसमें लगभग छह प्रतिशत तक अल्कोहल होता है.
भारत में भी घरेलू ब्रांड अपने को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.

गर्मियों में ठंडा और मीठा ड्रिंक पीने का मन करता है. ऐसे में हार्ड सेल्टज़र एक बेहतरीन विकल्प है. यह एक ऐसी ड्रिंक है जिसमें शराब और सोडा का मिश्रण होता है. यह स्वादिष्ट और शीतल होने के साथ-साथ कम कैलोरी वाली होती है. इसलिए यह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. भारत में हार्ड सेल्टज़र का क्रेज बढ़ता जा रहा है. क्या आप जानते हैं कि हार्ड सेल्टज़र क्या है और यह इतनी लोकप्रिय क्यों हो रही है? हार्ड सेल्टज़र को अगली पीढ़ी का अल्कोहल कहा जाता है. 

इसे आप किसी भी नाम से पुकारें- हार्ड सेल्टज़र, स्पाइक्ड सेल्टज़र, बूजी सोडा वॉटर- यह एक ऐसी ड्रिंक है जिसने हाल ही में लोगों का ध्यान खींचा है. इसे कभी नौसिखिया लोगों के लिए हार्ड ड्रिंक की ओर बढ़ने से पहले शुरुआत करने के लिए एक विशिष्ट श्रेणी का पेय माना जाता था. कोविड ने इसे फलने फूलने का अवसर दिया है, क्योंकि इस दौरान काफी बदलाव हुए. और सबसे बड़ा बदलाव पीने पिलाने को लेकर हुआ, जिसमें लोगों ने संयम बरतना शुरू कर दिया. 1990 के दशक की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई ब्रांड ‘टू डॉग्स” को दुनिया का पहला शराबयुक्त नींबूपानी कहा जाता था. अब इसे अमेरिका में भी एक ड्रिंक के तौर पर स्वीकृति मिल चुकी है और वहीं से इसके ग्लोबल बनने का सफऱ शुरू हुआ. इसको भारत में भी जगह मिल गई है और यह हर जगह धूम मचा रही है. हार्ड सेल्टज़र अब रोजमर्रा की चीज बन गई है और आपको इसके बारे में पता होना चाहिए. अन्यथा आप पर सामाजिक रूप से बॉयकॉट किए जाने का खतरा मंडराने लगेगा.

कैसे हुई सेल्टज़र की उत्पत्ति
आइए एक हजार साल पीछे समय में चलते हैं. दुनिया भर में प्राकृतिक रूप से चमकते पानी वाले खनिज से भरपूर झरने थे. पोषक तत्वों से भरपूर उनके औषधीय महत्व के कारण उसके पानी के सेवन को तरजीह दी गई. मौका देखकर कुछ कस्बों ने इन्हें बोतलबंद करके बेचना शुरू कर दिया. हार्ड सेल्टज़र की उत्पत्ति की जड़ें जर्मनी के एक शहर नीडेर्सल्टर्स से जुड़ी हैं. शायद मार्केटिंग और कॉमर्शियल कारणों से सभी तरह के पानी को ‘सेल्टसर का पानी’ कहा जाने लगा. यह नाम सालों बाद सेल्टज़र बन गया. पिछली सदी के शुरुआत में इसे अमेरिका में लोकप्रियता मिलने लगी, लेकिन तभी इस पर प्रतिबंध लग गया. 1933 में राष्ट्रपति फ्रेंकलिन रूजवेल्ट ने प्रतिबंध हटा दिया. लेकिन इस बीच वहां के लोगों ने कुछ अलग और स्वादिष्ट की खोज शुरू कर दी. ऐसे में सेल्टज़र के क्रेज को पीछे छोड़ते हुए कोला ने अपनी जगह बना ली. लेकिन बदलाव तो प्रकृति का नियम है. नई पीढ़ी इन मीठे विकल्पों को धीरे-धीरे अलविदा कह रही है. उनकी जगह कम चीनी, कम कैलोरी वाले परिष्कृत पेय ले रहे हैं. यह ट्रेंड सेल्टज़र को वापस प्रचलन में ला रहे हैं.

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क्या है सेल्टज़र
तो वास्तव में हार्ड सेल्टज़र क्या है? यह कार्बोनेटेड वॉटर है, जिसे स्वाद दिया गया है. आमतौर पर इसमें लगभग छह प्रतिशत तक अल्कोहल होता है. शुरुआत में इसे ज्यादातर जौ या गन्ने की चीनी से बनाया गया था. इनका आधार वाइन भी हो सकती है. अब आमतौर पर इसका उत्पादन अनाज आधारित न्यूट्रल स्पिरिट से होता है. सेल्टज़र की खासियत न्यूनतम चीनी और कैलोरी और पीने में आसानी है.   

भारत में भविष्य
भारत में सेल्टज़र की शुरुआत ‘ब्रो कोड’ से हुई जो अपने समय के हिसाब से अच्छा उत्पाद था. लेकिन  अमेरिकी ‘जिमा’ की तरह यह उतना सफल नहीं हो सका. अमेरिका में इसके बाजार में 285 प्रतिशत का उछाल आया है. तो वहीं भारत भी अपने घरेलू ब्रांड को स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. भारत में पर्स्यू, आईएसटी, राया और बार्नीज जैसे नाम अपनी जगह बना रहे हैं. पर्स्यू ने अपने डिजाइन और पैकेजिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध पेंटा पुरस्कार और इंटरनेशनल टेस्ट इंस्टीट्यूट, ब्रुसेल्स से हाईएस्ट 3 स्टार रेटिंग जीतकर खुद को एक बेहद प्रतिष्ठित ब्रांड के रूप में स्थापित किया है. बार्नीज की शुरुआत भारत में हुई और अब यह अन्य देशों में उपलब्ध है. जिससे पता चलता है कि यह कैटेगरी वास्तव में ग्लोबल है.

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यही ड्रिंक क्यों
हार्ड सेल्टज़र का लक्ष्य बीयर, ब्रीजर्स और कॉकटेल के साथ प्रतिस्पर्धा करना नहीं है. यह पीने वालों को एक विकल्प प्रदान करता है. बीयर तो वैसे भी अपने हाई कैलोरी स्तर के लिए जानी जाती है. सेल्टज़र में 4 से 6 प्रतिशत तक अल्कोहल होता है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. हालांकि सबसे लंबे समय तक एकमात्र रेडी टू ड्रिंक (आरटीडी) विकल्प बकार्डी ब्रीजर्स था. लेकिन समय के साथ रुझान बदलते हैं और हार्ड सेल्टज़र बनाने वाले खुद को अलग दिखाने की कोशिश में लगे हैं. चूंकि यह श्रेणी अभी भी नई है और किसी भी तय परिभाषा से मुक्त है, इसलिए संभावनाएं अनंत हैं.

पेप्सी औक कोक जैसी दिग्गज कंपनियों के इस कैटेगरी में प्रवेश करने से एक बात सुनिश्चित हो गई कि यह कोई बुलबुला या सनक नहीं है और इसमें आगे बढ़ने की क्षमता है. इस ड्रिंक को न्यूट्रल अल्कोहल के रूप में भी प्रचारित किया जा रहा है. जैसे बीयर पुरुषों को टारगेट करती है और फलयुक्त, मीठे रंगीन पेय महिलाओं के लिए हैं. लेकिन सेल्टज़र सभी के लिए हैं. उसका स्वाद दोनों पक्षों को खुश करता है. भारत में इसके निर्माता जान रहे हैं कि उनके पास अनंत अवसर हैं. अगर आप चाहते हैं कि दुनिया के साथ कदम मिलाकर चलने वाले युवा दिखें तो अब बारी आपकी है.

(नोट: यह जानकारी Spiritz के एक्सपर्ट के हवाले से दी गई है. डिस्क्लेमर: इसका मकसद शराब पीने की संस्कृति को बढ़ावा देना नहीं है.)

Tags: Alcohol, Liquor, Wine

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