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26 विपक्षी दलों का महागठबंधन INDIA की मुंबई में होने वाली तीसरी बैठक से एक दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के संस्थापक शरद पवार ने अपने बागी भतीजे अजित पवार पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए एक तीर से दो निशाने साधे हैं। पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को 70,000 करोड़ रुपये के कथित सिंचाई घोटाले और करोड़ों रुपये के राज्य सहकारी बैंक घोटाले की जांच कराने की चुनौती दी है। इन घोटालों में उनके भतीजे अजित पवार का नाम सामने आया था।
पवार ने कहा, भोपाल की एक रैली में मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस और एनसीपी सबसे भ्रष्ट पार्टियां हैं और सिंचाई विभाग में 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले और महाराष्ट्र राज्य सहयोग बैंक में घोटाले ने राज्य को हिलाकर रख दिया है।
एक संवाददाता सम्मेलन में भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, “अगर मोदी के पास विशेष जानकारी है कि राज्य में सत्ता का दुरुपयोग हुआ है, तो पीएम के रूप में उन्हें जांच शुरू करनी चाहिए और रिपोर्ट सौंपनी चाहिए। बेबुनियाद आरोप लगाना गलत होगा। आपके पास शक्ति है, आप जांच कराइये।”
पवार ने विश्वास जताया कि विपक्षी गठबंधन देश में राजनीतिक परिवर्तन लाने के लिए एक मजबूत विकल्प प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ में सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के सवाल पर पवार ने कहा, “भारत हमारा चेहरा होगा। हमारी प्रमुख चिंता देश को बचाने की है।” उन्होंने कहा कि NCP को लेकर कोई भ्रम नहीं है। पिछले महीने महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हुए अपने भतीजे अजित पवार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “छोड़कर जाने वालों को जनता सबक सिखाएगी।”
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा,“यह पता नहीं है कि वह किसके पक्ष में हैं। इससे पहले वह भाजपा के साथ बातचीत कर चुकी हैं।” एआईयूडीएफ जैसे दलों के गठबंधन में शामिल नहीं होने के सवाल पर पवार ने कहा, “उन्होंने मुझसे बात की है और हमारे साथ आने को इच्छुक हैं। लेकिन मैं अकेले कोई निर्णय नहीं ले सकता। हमें इस बारे में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बातचीत करनी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अकाली दल को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।”
पवार ने कहा, ”लेकिन अगर वे आना चाहते हैं तो हम इस बारे में सोच सकते हैं।” हालांकि, उन्होंने कहा, ”यह आसान नहीं है क्योंकि हमारे साथ अरविंद केजरीवाल हैं जिनकी पार्टी पंजाब में सरकार चला रही है और वहां कांग्रेस की अलग नीति है। इसलिए हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे कि मतभेद बढ़ें।”