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हाइलाइट्स
गूलर के पेड़ की जड़ को फाल्गुनी नक्षत्र में खरीद कर ही घर लाना चाहिए.
इसे शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सूर्य उदय होने के बाद धारण किया जाना चाहिए.
Benefits Of Gular Tree Root : ज्योतिष शास्त्र में हमें नौ ग्रहों से संबंधित नौ रत्नों के बारे में बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये नवरत्न मनुष्यों के ग्रह-नक्षत्रों से संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायता करते हैं. इन नवरत्नों को धारण करके ग्रहों की शुभता को बढ़ाया जा सकता है और किसी ग्रह की अशुभता को कम भी किया जा सकता है. इन नौ ग्रहों का संबंध ज्योतिष शास्त्र में किसी न किसी पेड़ के साथ बताया गया है. जैसे शनि ग्रह का संबंध शमी के पेड़ के साथ होता है. ऐसे ही सूर्य ग्रह का संबंध बेल के साथ बताया जाता है. इसी क्रम में शुक्र ग्रह का संबंध गूलर के पेड़ के साथ बताया गया है और शुक्र ग्रह से संबंधित रत्न हीरा होता है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
-गूलर की जड़ के लाभ
ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार, गूलर के पेड़ का संबंध शुक्र ग्रह के साथ होता है. शुक्र ग्रह का रत्न हीरा है. यदि कोई व्यक्ति हीरा धारण नहीं कर पा रहा तो वह गूलर की जड़ को अपने हाथ में धारण कर सकता है. इसकी जड़ हाथ में बांधने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है. इसके अलावा गुप्त रोगों में भी यह फायदेमंद है.
गूलर की जड़ को बांधने से व्यक्ति को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. इसके अलावा सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी हो सकती है. जो लोग कला जगत, मीडिया या फिर फैशन से जुड़े होते हैं, उन्हें गूलर की जड़ धारण करने से लाभ प्राप्त होता है. शुक्र ग्रह को धनेश्वरी वैभव का कारक माना जाता है, ऐसे में गूलर की जड़ धारण करने से वैभव और ऐश्वर्य प्राप्त होता है.
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-कौन बांध सकता है गूलर की जड़
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि गूलर की जड़ को मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ लग्न में जन्मे व्यक्ति बांध सकते हैं, इसके अलावा वृष और तुला लग्न के व्यक्ति भी गूलर की जड़ को अपने हाथ में बांध सकते हैं. इन राशियों पर शुक्र देव का आधिपत्य माना जाता है. वहीं अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह उच्च का है तो वह भी इस जड़ को बांध सकता हैं.
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-कैसे धारण करें गूलर की जड़
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गूलर के पेड़ की जड़ को फाल्गुनी नक्षत्र में खरीद कर ही घर लाना चाहिए. इसे शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सूर्य उदय होने के बाद धारण किया जाना चाहिए. इसको धारण करने से पहले अच्छी तरह से गंगाजल से शुद्ध किया जाना चाहिए. गूलर की जड़ को किसी सफेद रंग के कपड़े में बांधकर गले या फिर हाथ में धारण कर सकते हैं. इसके अलावा इसे धारण करने से पहले शुक्र देव के बीज मंत्र का 108 बार जाप करना जरूरी है.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : December 23, 2022, 10:30 IST
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