Home Health हृदय रोग के जोखिम को कई गुना कम कर सकता है योग, रिसर्च में सामने आई यह बात

हृदय रोग के जोखिम को कई गुना कम कर सकता है योग, रिसर्च में सामने आई यह बात

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हृदय रोग के जोखिम को कई गुना कम कर सकता है योग, रिसर्च में सामने आई यह बात

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Benefits of Yoga Practises: बदलती जीवनशैली और अनहेल्दी खानपान का हमारे शरीर में व्यापक स्तर पर असर पड़ा है. इसी कारण हृदय रोग, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, यूरिक एसिड, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं अब पहले की अपेक्षा तेजी से सामने आ रही हैं. हृदय रोग ऐसी बीमारी है जिस पर अगर समय ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है. अब एक रिसर्च में यह सामने आया है कि योग के माध्यम से भी हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार कैनेडियन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित रिसर्च के अनुसार उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के तीन महीने के अध्ययन के अनुसार व्यायाम करने से कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य में फायदेमंद है. योग के द्वारा सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर और रेस्टिंग हार्ट रेट को कम किया गया जिससे 10 साल का कार्डियोवैस्कुलर जोखिम कम हो गया.

पिछले कुछ समय में योग को लोगों ने काफी तेजी से अपनाया है और मौजूदा समय में लाखों लोगों की दिनचर्या का यह हिस्सा बना हुआ है. योग एक सरल और लचीला व्यायाम होता है जिससे कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के साथ साथ पूरे शरीर को लाभ पहुंचता है.

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योग पर निर्भर करता है बहुत कुछ
शोधकर्ताओं ने बताया कि इस अध्ययन का उद्देश्य यह जानना था कि किया नियमित व्यायाम करने से हृदय रोग के जोखिमों को कम किया जा सकता है. हालांकि योग से हृदय रोग का जोखिम कितना कम होता है यह योग के प्रकार, उसकी अवधि और करने के तरीकों पर निर्भर करता है.

60 लोगों को पर की गई रिसर्च
शोधकर्ताओं ने रिसर्च के लिए पहले 60 ऐसे लोगों को भर्ती किया जो हाई ब्लड प्रेशर और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से ग्रसित थे. तीन महीने बाद प्रतिभागियों को दो समूहों में बांट दिया गया जिन्होंने 30 मिनट के एरोबिक व्यायाम का प्रशिक्षण लिया और इसके अतिरिक्त 5 बार साप्ताहिक रूप से 15 मिनट तक स्ट्रेचिंग की. इसके बाद प्रतिभागियों का ब्लड प्रेशर, एंथ्रोपोमेट्री, हाई-सेंसिटिविटी सी-रिएक्टिव प्रोटीन (एचएस-सीआरपी), ग्लूकोज और लिपिड लेवल के साथ-साथ फ्रामिंघम और रेनॉल्ड्स रिस्क स्कोर को चेक किया गया.

3 महीने के बाद दोनों समूहों में सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप, औसत धमनी रक्तचाप और हृदय की गति में कमी दर्ज की गई. हालांकि, स्ट्रेचिंग के साथ योग करने वालों में 4 एमएमएचजी के साथ सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 10 एमएमएचजी कम हो गया था. रिसर्च में यह देखने को मिला कि जिन लोगों ने योग करना जारी रखा था उनमें 10 साल के कार्डियोवैस्कुलर का जोखिम कम हो गया था.

इससे पहले हुए अध्ययन में यह सामने आ चुका है कि योग हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है. व्यायाम के माध्यम से उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है. रिसर्च में यह सामने आया कि मांस पेशियों के स्वास्थ्य के लिए एरोबिक एक्सरसाइज के साथ साथ व्यायाम को भी जोड़ा जा सकता है.

Tags: Health, Heart Disease, Lifestyle, Yoga

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