Sunday, December 15, 2024
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हेमंत सोरेन सरकार के 3 साल: कुछ ऐसे निर्णय जिसका विपक्ष के पास भी नहीं राजनीतिक काट! 


हाइलाइट्स

29 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार के 3 साल पूरे हुए.
हेमंत सरकार के कार्यकाल को लेकर आकलन का दौर.
नाकामियां गिना रही झारखंड की मुख्य विपक्षी भाजपा.
कई ऐसे फैसले जिसपर हमला नहीं कर पा रही बीजेपी.

रांची. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने अपने कार्यकाल के 3 साल पूरे कर लिए हैं. 29 दिसंबर 2019 को महागठंबधन की जीत के बाद हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. सरकार गठन के तीन साल को भले ही मुख्य विपक्षी दल बीजेपी सुपर फ्लॉप बता रही हो; मगर यह बात साफ तौर पर कही जाती है कि हेमंत सोरेन की कई योजनाओं और निर्णय का राजनीतिक काट बीजेपी के पास भी नहीं है .

हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल: हेमंत सोरेन सरकार में लिए गए कुछ खास निर्णय जिसका राजनीतिक काट विपक्ष के पास नहीं है. 

पारा शिक्षकों की समस्या का समाधान किया- लंबे समय से आंदोलनरत पारा शिक्षकों की समस्या का समाधान किया. राज्य के 72 हजार पारा शिक्षकों के लिये सहायक अध्यापक नियुक्ति नियमावली लागू की गई. 50 हजार पदों का सृजन भी शिक्षा विभाग ने कर दिया है.
झारखंड में पुरानी पेंशन योजना की शुरुआत- इस योजना से करीब 1 लाख 10 हजार सरकारी कर्मियों को लाभ मिलना तय माना जा रहा है और यह हेमंत सोरेन सरकार का मास्टरस्ट्रोक भी कहा जा रहा है.
पुलिसकर्मियों को क्षतिपूर्ति अवकाश-राज्य के 70 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को क्षतिपूर्ति अवकाश का लाभ मिलना तय है. 20 दिनों की क्षतिपूर्ति अवकाश को लेकर अधिसूचना जारी की गई.
इसके अतिरिक्त झारखंड में यूनिवर्शल पेंशन की शुरुआत की गई है. अब हर महीने की 5 तारीख को एक हजार रुपया पेंशन शुरू हो गयी है.
झारखंड ST/SC/OBC और अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में पढ़ने का मौका प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना के तहत छात्रवृति में भी बढ़ोतरी की गई है.
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत छात्राओं को 40 हजार रुपये तक देने की शरुआत की गई है. वहीं, राज्य के सभी 24 जिलों में खेल पदाधिकारी का पहली बार नियुक्ति की जा रही है.

हेमंत सोरेन सरकार के ऐसे और भी कई निर्णय और सरकार की योजनाएं हैं, जिसको लेकर सत्ताधारी दल अपने तीन साल के कार्यकाल पर इतरा रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के का कहना है कि पुरानी पेंशन से लेकर छात्रवृति में इजाफा ही नहीं, 1932 का खतियान, OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण और सरना धर्म कोड का प्रस्ताव सदन से पारित कराने में हेमंत सोरेन सरकार ही सफल हो पाई है.

आपके शहर से (रांची)

News18 Hindi

हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 स्थानीयता नीति को मंजूरी दी.

हेमंत सोरेन सरकार ने क्या किया और क्या नहीं इसको लेकर लंबी बहस हो सकती है. किसी को सरकार का काम ही काम दिख रहा है, तो किसी को सरकार की नाकामियां ही नजर आ रही हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक सीपी सिंह भी ये मानते हैं कि हर सरकार कुछ न कुछ काम तो करती ही है. लेकिन, हेमंत सोरेन सरकार जिस काम को लेकर ढोल पीट रही है, उसकी पोल खुल चुकी है. सी पी सिंह कहते हैं कि हेमंत सोरेन सरकार ने निर्णय तो जरूर लिया है पर उसका फायदा राज्य की जनता को मिलेगा नहीं

Tags: CM Hemant Soren, Jharkhand news, Ranchi news



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