Friday, December 13, 2024
Google search engine
HomeNationalहेमामालिनी की नृत्य नाटिका रामायण आधारित, कुमार विश्वास, अनूप जलोटा के कार्यक्रमों...

हेमामालिनी की नृत्य नाटिका रामायण आधारित, कुमार विश्वास, अनूप जलोटा के कार्यक्रमों की ये होगी तारीख


ऐप पर पढ़ें

अयोध्या में जगत गुरू पदम विभूषण रामभद्राचार्य के 75 वें जन्मोत्सव पर आयोजित अमृत महोत्सव में सिने तारिका हेमामालिनी की विशेष प्रस्तुति देंगी। 17 जनवरी को होने वाली यह प्रस्तुति रामायण के विशेष प्रसंग व मां दुर्गा पर आधारित होगी। अयोध्या के परिक्रमा मार्ग पर महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ पर बने विशाल मैदान पर 14 जनवरी से 22 जनवरी तक होने वाले अमृत महोत्सव में आयोजित किया गया है। प्रतिदिन शाम को होने वाली अमृत संध्या में ये प्रस्तुति होगी। खास ये है कि नौ दिवसीय इस अमृत संध्या में हर दिन ख्याति लब्ध कलाकारों की प्रस्तुति रहेगी।

हर दिन महायज्ञ के बाद रामकथा जगत गुरू रामभद्रा चार्य के शिष्य रामचंद्राचार्य ने बताया कि हर दिन हनुमन महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। सुबह 9 से 12 बजे तक चलने वाले इस महायज्ञ के बाद संवाद का कार्यक्रम होगा। इसके बाद शाम चार बजे से 6 बजे तक रामकथा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद शाम साढे 6 बजे से साढे आठ बजे तक अमृत संध्या का  आयोजन किया गया है।

1111 शंखों की ध्वनि से अयोध्या को गुंजायमान करने की तैयारी शुरू, बनेगा विश्व रिकॉर्ड

मालिनी अवस्थी, अनूप जलोटा के भी कार्यक्रम

पहले दिन 14 जनवरी को मालिनी अवस्थी का कार्यक्रम आयोजित है। पंद्रह जनवरी को उज्जैन के शर्मा बंधु का कार्यक्रम होगा। 16 जनवरी को नलिनी कमालिनी का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। 17 को हेमामालिनी, 18 को कन्हैया मित्तल, 19 को मनोज मुंतशिर व बीस को अनूप जलोटा की भजन संध्या आयोजित की गई है। इसी तरह से 21 जनवरी को कुमार विश्वास की रामकथा भी आकर्षण के केंद्र में रहेगी।

नेपाल व अन्य प्रांतों से पहुंचे वैदिक आचार्य

वहीं अयोध्या रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान को लेकर नेपाल समेत देश के विभिन्न प्रांतों के करीब सवा सौ वैदिक आचार्य देर शाम अयोध्या पहुंच गये है। मिली जानकारी के अनुसार यह वैदिक आचार्य बुधवार से शुक्ल यजुर्वेद का पारायण करेंगे। यह पारायण राम मंदिर में बनाए गए यज्ञ मंडप में किया जाएगा। इसकी पूर्णाहुति 15 जनवरी को होगी। इसके उपरांत 16 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान कलश यात्रा व यजमान के दशाविधि स्नान से शुरू होगा। यज्ञाचार्य अरुण कुमार दीक्षित ने बताया कि यज्ञ मंडप के चारों दरवाजे चतुर्वेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं।



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments