
हाइलाइट्स
इस साल गर्मियों में खासकर अप्रैल और मई के पीक सीज़न में खूब हुई बारिश
बारिश के दौरान सुरक्षा के चलते हेलिकॉप्टर की सेवाएं भी हो जाती हैं सीमित
बारिश के समय यात्रियों के लिए खच्चरों की सेवा उपलब्ध रहती है
देहरादून: इन दिनों तीर्थयात्री चारधाम (Chardham Yatra) की यात्रा कर रहे हैं. लेकिन हर साल की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं. चारधाम की यात्रा पर आए कुल 30 लाख तीर्थयात्रियों में से अकेले 10.3 लाख श्रद्धालु केदारनाथ धाम (Kedarnath Yatra) के दर्शनों के लिए पहुंचे हैं. और दिलचस्प बात यह है कि इस यात्रा के दौरान राजस्व अर्जित करने के मामले में खच्चरों ने हेलिकॉप्टर सेवा (Helicopter Service) को भी पीछे छोड़ दिया है. श्रद्धालुओं को खच्चर (Mule) की सेवा खूब पसंद आ रही है. इसके चलते खच्चरों की कमाई जहां 82.4 करोड़ रुपए रिकॉर्ड की गई है, वहीं हेलिकॉप्टरों का राजस्व (Revenue) मात्र 56.4 करोड़ रुपए आंका गया है. इस बार भी खच्चरों की कमाई हेलिकॉप्टरों के राजस्व के मुकाबले 46 फीसदी ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है. पिछले साल भी यह कमाई ज्यादा रिकॉर्ड की गई थी.
टीओआई में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भले ही खच्चरों के प्रति उनके मालिकों के कठोर और क्रूरता वाला रवैया सामने आता रहा हो. लेकिन खच्चर उत्तराखंड सरकार के लिए राजस्व अर्जन का बड़ा साधन बने हुए हैं. जब से केदारनाथ यात्रा की शुरुआत हुई है तब से खच्चरों ने अपनी कमाई में बढ़ोतरी दर्ज की है. अभी तक वह 82.4 करोड़ रुपये अर्जित कर चुके हैं जबकि हेलिकॉप्टर की सेवा से मात्र 56.4 करोड़ रुपए ही अर्जित हुए हैं.
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इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि इस बार मौसम भी गड़बड़ रहा है. इस साल गर्मियों में खासकर अप्रैल और मई के पीक सीज़न के दौरान भी खूब बारिश हुई है जिससे हेलिकॉप्टर यात्राएं सीमित हो गईं. बारिश के समय, कम दृश्यता और तेज़ हवाओं की वजह से हेलिकॉप्टरों के लिए उड़ान भरना कठिन और जोखिम भरा हो जाता है. ऐसे में जरूरतमंद तीर्थयात्रियों के लिए खच्चर की सेवा ही एकमात्र सहारा होती है.
बताते चलें कि केदारनाथ यात्रा करीब 7 माह तक चलती है. इन सात माह में करीब 3 माह तक मॉनसून रहता है जिसके चलते हेलिकॉप्टरों की संख्या काफी कम हो जाती है. मौसम की खराब स्थिति की वजह से हेलिकॉप्टर सेवा सीमित अवधि में ही उपलब्ध रहते हैं. इसके चलते खच्चर ही काम करते हैं. वहीं इस साल तो मॉनसून आने से पहले ही गर्मियों में अप्रैल और मई के पीक सीज़न के दौरान बरसे बादलों ने खच्चरों की डिमांड को खूब बढ़ा दिया जिसके चलते हेलिकॉप्टर यात्राएं सीमित हो गईं. इससे इसकी कमाई पर बड़ा असर पड़ा है.
केदारनाथ यात्रा के दौरान पिछले साल खच्चरों ने 101 करोड़ रुपये और हेलिकॉप्टर कंपनियों ने सिर्फ 75 करोड़ रुपये कमाए थे. वहीं खच्चरों ने इस बार भी हेलिकॉप्टर कंपनियों को कमाई के मामले में पछाड़ दिया है. इस साल अभी तक 10.3 लाख तीर्थयात्री केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं, जो चारधाम यात्रा पर आए कुल 30 लाख तीर्थयात्रियों में से सबसे अधिक हैं.
आंकड़ों की माने तो रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के साथ कुल 6,933 खच्चर रजिस्टर्ड हैं और अन्य 1,000 को सामान ले जाने के लिए अधिकृत किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश तीर्थयात्री मंदिर तक की चढ़ाई खच्चर से ही करना पसंद करते हैं. इस साल सोनप्रयाग और गौरीकुंड से करीब 1.8 लाख श्रद्धालु खच्चरों से केदारनाथ धाम पहुंचे हैं जिससे ऑपरेटरों को करीब 54.8 करोड़ रुपये की कमाई हुई. करीब 1.34 लाख तीर्थयात्रियों ने वापसी यात्रा के लिए बुकिंग की जिससे 27.5 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ.
उत्तराखंड राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वास्तिवकता यह है कि इस साल अभी तक करीब 10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ धाम यात्रा की है. यह केदारनाथ धाम के प्रति बढ़ रही लोगों की आस्था और उत्साहजनक का बड़ा संकेत है. इससे अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.
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FIRST PUBLISHED : June 29, 2023, 07:59 IST