समय का फेर देखिए. तलाक के बाद आठवें निजाम को अपनी पहली पत्नी को मुआवजे में एक खासी बड़ी रकम देनी पड़ी. दोनों के रिश्ते कटु हो गए. वह अपने बेटे और बेटी के साथ लंदन चली गईं. वहीं रहने लगीं. 20 सालों तक दोनों के बीच कोई खास बातचीत नहीं थी. 1996 में निजाम को फिर अपनी इस बीवी की शरण में इसलिए आना पड़ा, क्योंकि उन्हें लगता था कि हैदराबाद में निजाम की तमाम संपत्तियों को लेकर जितना विवाद और मुकदमेबाजी है, उसको उनकी ये इंटैलिजेंट पूर्व पत्नी ही संभाल सकती है. प्रिंसेस एजरा सहमत हो गईं. (ट्विटर)