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पुराने समय में लोग अपने परिवार के लोगों को बहुत व्यवस्था के साथ दफनाते थे। इसके नमूने आज भी देखने को मिलते हैं। मिस्र की ममी भी पुराने जमाने के कई तरह के राज समेटे हुए हैं। पुरातत्वविदों को पता चला है कि 2300 साल पुरानी मिस्र की ममी की जीभ और दिल सोने के थे। इसके अलावा कब्र में 49 सोने के लॉकेट मिले हैं। वहीं सोने का मास्क और अन्य सामग्री भी पाई गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुराने जमाने में लोग सोने के आभूषणों और वस्तुओं के कितने शौकीन थे।
दरअसल जब एक 2300 साल पुराने सैनिक का ताबूत खोला गया तो उससे कई राज खुल गए। पता चला कि यह सैनिक जब मरा था तब 14 से 15 साल का ही रहा होगा। उसकी ताबूत से एक सोने का कवच और सोने का ही मुखौटा पाया गया। इसके अलावा यह भी पता चला कि उसके शरीर में नकली दिल लगाया गया था। जानकारों का कहना है कि ग्रीको-रोमन पीरियड में अंतिम संस्कार के वक्त शवों को सोने की जीभें लगाई जाती थीं। उस समय मान्यता था कि इस तरह से सोने की जीभ और दिल लगाने से मरने वाला देवता बन जाता है। इसके अलावा शव के साथ वे चीजें भी दफन की जाती थीं जो कि एक इंसान के जीवन में काम आती हैं। इसे मृत्य के बाद के सफर की तैयारी के रूप में देखा जाता था।
बता दें कि पुराने समय के तौर-तरीकों और लोगों के जीवन से जुड़ी चीजों को जानने के लिए वैज्ञानिक ताबूतों को खोलकर रिसर्च करते हैं। आजकल ममी की सटीक जानकारी के लिए सिटी स्कैन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह ममी कैयरो के एक म्यूजियम में रखी थी। इसकी खोज साल 1916 में की गई थी। पहले इसके बारे में साधारण तरीके से पता लगाया गया था लेकिन इस बर जब सीटी स्कैन का सहारा लिया गया तो कई बातें खुलकर सामने आईं।
स्कैन करने पर यह भी पता चला कि मरने वाला किशोर ऊंचे कुल का था क्योंकि उसमें कुपोषण की कोई निशानी नहीं थीं। ममी पर रिसर्च के दौरान पाया गया है कि शरीर के कई अंग निकाल लिए जाते थे और उसकी जगह पर आर्टिफिशल अंग लगाए जाते थे। इस शव को सैंडल भी पहनाया गया था।