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हाइलाइट्स
होलाष्टक में 8 ग्रह उग्र होते हैं, इस वजह से भी इन दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं होता है.
अंग्रेजी कैलेंडर से गणना करने पर इस साल होलाष्टक 9 दिन का है.
इस साल होलाष्टक का प्रारंभ 27 फरवरी से हो रहा है और इसका समापन होलिका दहन के दिन 07 मार्च को होगा. पंचांग के अनुसार, होलाष्टक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक माना जाता है. होलाष्टक के समय में कुल 8 ग्रह उग्र होते हैं, इस वजह से भी इन दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं होता है. तिथि अनुसार 8 तिथियों तक होलाष्टक होता है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर से गणना करने पर इस साल होलाष्टक 9 दिन का है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि होलाष्टक में किस तिथि को कौन सा ग्रह उग्र होता है और उससे बचने के क्या उपाय करने चाहिए.
होलाष्टक 2023 उग्र ग्रह कौन-कौन से हैं?
फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि: होलाष्टक के पहली तिथि में चंद्रमा उग्र होता है.
फाल्गुन शुक्ल नवमी तिथि: इस तिथि में सूर्य ग्रह उग्र होते हैं.
फाल्गुन शुक्ल दशमी तिथि: इस दिन शनि देव उग्र होते हैं.
फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि: एकादशी को दैत्य गुरु शुक्र ग्रह उग्र रहते हैं.
फाल्गुन शुक्ल द्वादशी तिथि: देव गुरु बृहस्पति इस तिथि में उग्र माने जाते हैं.
फाल्गुन शुक्ल त्रयोदशी तिथि: होलाष्टक की पांचवी तिथि को बुध उग्र होते हैं.
फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी तिथि: इस तिथि पर ग्रह मंगल उग्र माने जाते हैं.
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि: इस दिन राहु ग्रह उग्र रहता है.
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इस साल होलाष्टक 27 फरवरी से 07 मार्च तक है. इस अवधि में आप कोई भी शुभ कार्य न करें और न ही किसी नए काम की शुरूआत करें. होलाष्टक में निवेश या जीवन से जुड़े कोई बड़े निर्णय लेने से बचना चाहिए. होलाष्टक के समय में आपको उन ग्रहों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जो कमजोर हैं या फिर दोष वाले हैं. आपका कमजोर ग्रह होलाष्टक में जिस तिथि को उग्र है, या जिस ग्रह से जुड़ा दोष है और वह उग्र है तो आपको उसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में आपको ग्रह शांति करनी चाहिए.
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होलाष्टक में उग्र ग्रह के शांति के उपाय
1. होलाष्टक में ग्रह शांति के लिए आप नवग्रह की पूजा करा सकते हैं.
2. यदि आप संस्कृत पढ़ सकते हैं तो आपको होलाष्टक के समय में नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इससे भी आप ग्रहों के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं.
3. ग्रहों की शांति के लिए उनसे जुड़ी वस्तुओं का दान करें.
4. ग्रहों के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए आप उन ग्रहों के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं.
5. नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप कम से कम 1008 बार करें और इस मंत्र से ही हवन करें. सभी ग्रह शांत होंगे.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Holika Dahan
FIRST PUBLISHED : February 23, 2023, 14:55 IST
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