
[ad_1]
ऋषिकेश: भारतीय संस्कृति और वास्तुशास्त्र में हर वस्तु का स्थान और दिशा का विशेष महत्व होता है. घर को सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक माना गया है. इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण वस्तु है शीशा यानी आईना. आईना केवल चेहरा संवारने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह घर की ऊर्जा को प्रभावित करने वाला एक शक्तिशाली माध्यम भी है. वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर शीशे को गलत दिशा या स्थान पर लगाया जाए तो यह दुर्भाग्य, तनाव और आर्थिक हानि का कारण बन सकता है. आइए जानते हैं कि आपके घर में किन स्थानों पर शीशा लगाना हानिकारक हो सकता है.
लोकल 18 के साथ के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित गृह स्थानम के ज्योतिषी अखिलेश पांडेय ने कहा कि आईना भले ही देखने में एक सामान्य वस्तु लगे, लेकिन इसका असर हमारे जीवन पर गहरा पड़ता है. वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करते हुए अगर शीशे को सही स्थान पर लगाया जाए तो यह न केवल घर की सुंदरता बढ़ाता है बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है. लेकिन गलत जगहों पर लगाया गया शीशा दुर्भाग्य की परछाई बनकर जीवन में तनाव, नुकसान और दरिद्रता को बुलावा दे सकता है. इसलिए सजावट के चक्कर में कभी भी इन छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातों को नजरअंदाज न करें.
1. बेडरूम में बेड के सामने शीशा: अगर बेड के ठीक सामने शीशा लगा हो और उसमें सोते समय आपकी परछाई नजर आए, तो यह वैवाहिक जीवन में तनाव और नींद में खलल का कारण बन सकता है. वास्तु के अनुसार यह दंपत्ति के बीच अनबन बढ़ा सकता है और मानसिक बेचैनी को जन्म दे सकता है.
2. मुख्य दरवाजे के सामने शीशा: घर के प्रवेश द्वार के सामने शीशा होना बहुत ही अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में आने वाली सकारात्मक ऊर्जा लौट जाती है और घर में दरिद्रता या मानसिक अशांति का माहौल बना रहता है.
3. रसोईघर में शीशे का उपयोग: कुछ लोग किचन को मॉडर्न लुक देने के लिए शीशे का प्रयोग करते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार अग्नि तत्व और शीशा (जल तत्व) एक-दूसरे के विपरीत होते हैं. इससे घर के सदस्यों में आपसी मतभेद, क्रोध और असहयोग की भावना बढ़ सकती है.
4. टूटे-फूटे या धुंधले शीशे का उपयोग: घर में अगर टूटा हुआ या धुंधला शीशा लगा है तो यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है. यह मानसिक तनाव, आत्मविश्वास में कमी और आर्थिक रुकावटें पैदा कर सकता है. इसलिए ऐसे शीशों को तुरंत हटा देना चाहिए.
5. सीढ़ियों के सामने शीशा लगाना: सीढ़ियों के सामने अगर शीशा लगाया जाए तो यह घर की स्थिरता को प्रभावित करता है. ऐसा करने से बार-बार स्थान परिवर्तन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और जीवन में अस्थिरता बनी रहती है.
6. पूजा घर में शीशे का होना: पूजा घर पवित्र ऊर्जा का केंद्र होता है. वहां पर शीशा लगाने से ध्यान भटकता है और पूजा में एकाग्रता में कमी आती है. साथ ही, यह देवी-देवताओं की कृपा में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है.
[ad_2]
Source link