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Dashmool Health Benefits: आयुर्वेद में दशमूल जड़ी-बूटियों को सेहत के लिए वरदान माना गया है. दशमूल का काढ़ा बनाकर पीने से डायबिटीज कंट्रोल होती है. दशमूल का सेवन करने से ब्रेन और हार्ट हेल्थ बूस्ट हो जाती है.

दशमूल 10 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण है.
हाइलाइट्स
- दशमूल का काढ़ा पीने से डायबिटीज कंट्रोल हो सकती है.
- दशमूल माइग्रेन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों से राहत देता है.
- दशमूल इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है.
Dashmool Herb Ke Fayde: प्राचीन काल से आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल होता रहा है. कई हर्ब्स में औषधीय गुणों का खजाना होता है और उनका सेवन करने से सैकड़ों बीमारियों का नाश हो सकता है. आयुर्वेद में दशमूल को सेहत के लिए वरदान माना गया है. इसके नाम का अर्थ है दश यानी दस और मूल यानी जड़ें. दशमूल 10 जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण है. यह एक आयुर्वेदिक मिश्रण है, जिसमें बिल्व, अग्निमंथ, श्योनाक, पटल, कष्मारी, बृहती, कंटकारी, शलपर्णी, पृश्पर्णी और गोक्षुरा शामिल हैं. ये जड़ी-बूटियां एक साथ मिलकर शारीरिक कमजोरी को दूर कर मजबूत बनाती हैं.
अगर आपको माइग्रेन की समस्या है, तो दशमूल आपके लिए लाभकारी है. कई लोगों को उल्टी, मतली और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों के साथ माइग्रेन होता है. दशमूल इन सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है. वहीं डिलीवरी के बाद आई कमजोरी को दूर करने के लिए यह रामबाण की तरह काम करता है. यह गर्भाशय के ऊतकों को पोषण देता है. इसके अलावा, दशमूल कब्ज और गैस से भी राहत दिलाती है. दशमूल गठिया की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. इसमें एनाल्जेसिक प्रभाव होता है जो सूजन या दर्द से राहत दिलाता है. अगर आपको सांस लेने में तकलीफ होती है या बार-बार खांसी आती है, तो दशमूल उपयोगी है. यह बलगम निकालता है और अस्थमा, काली खांसी और सामान्य खांसी को कम करता है. वहीं वायरल बुखार के लिए भी फायदेमंद है.
दशमूल इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके. अगर पेशाब रुक-रुककर आता है, तो दशमूल का सेवन करने से यह समस्या दूर हो जाती है. त्वचा से जुड़ी समस्याओं से भी राहत दिलाता है. जो लोग जल्दी थक जाते हैं, जिन्हें चक्कर आता है या हाथ-पैरों में कंपन होता है, उनके लिए दशमूल फायदेमंद है. यह तनाव कम करता है, नींद को बेहतर करता है और दिमाग को शांत रखता है. यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, कैंसर जैसे मरीजों के लिए गुणकारी है.
अब सवाल आता है कि दशमूल का उपयोग कैसे करें? आयुर्वेद एक्सपर्ट्स की मानें तो आप दशमूल को काढ़े के रूप में ले सकते हैं, चूर्ण या टैबलेट के रूप में भी इसका सेवन कर सकते हैं. दशमूल को किसी भी प्रकार के माल्ट में मिलाया जा सकता है. हालांकि सबसे अच्छा माना जाता है कि इसे जौ के माल्ट में मिलाया जाए. जौ का माल्ट दशमूल के स्वाद को और बढ़ा देता है और इसे और अधिक प्रभावी बनाता है.

अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. …और पढ़ें
अमित उपाध्याय News18 Hindi की लाइफस्टाइल टीम में सीनियर सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 8 साल का अनुभव है. वे हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े टॉपिक पर स्टोरीज लिखते हैं. … और पढ़ें
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