Tuesday, September 3, 2024
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10 रूपये में होगा कुत्तों में कॉर्नियल जख्म का इलाज, यूपी के वैज्ञानिकों ने बनाई दवा


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बरेली में कुत्तों सहित पशुओं में कॉर्नियल जख्म का इलाज सस्ता हो जाएगा। आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने होमियोपैथी की दो दवाओं को एक निश्चत अनुपात में मिलाकर एक दवा बनाई है, जो बाजार में महज दस रुपये में उपलब्ध होगी। यानि कुत्तों के कॉर्नियल जख्म के इलाज में पहले जहां तीन दवाओं पर करीब 400 रुपये खर्च होते थे, उस पर अब दस रुपये ही खर्च करने होंगे। दवा के पहले चरण को शोध सफल रहा है।

दरअसल, कुत्तों सहित अन्य पशुओं की आंखों में अक्सर किसी चीज से चोट लगने, कांटा या कुछ और चुभने, खरोंच लगने, ड्राई आई या फिर किसी प्रकार के इनफेक्शन के कारण कॉर्निया में जख्म हो जाता है। इससे पशुओं को धुंधला दिखने लगता है। कई बार आंखों से रक्त स्राव भी होता है। समय पर सही इलाज नहीं मिलने से पशु अंधे भी हो सकते हैं।

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आईवीआरआई में हर महीने ऐसे करीब 30 केस आते हैं। पशुपालकों का खर्च कम करने को आईवीआरआई के शल्य चिकित्सा विभाग के वैज्ञानिक डॉ. अस्वथी गोपीनाथन व डॉ. किरणजीत सिंह ने मिलकर कम खर्च में आसानी से उपलब्ध होने वाली दवा पर शोध किया। आईवीआरआई, डायरेक्टर, डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि आईवीआरआई पशुपालकों की हितों के लिए हमेशा शोध करता रहता है। इस नई दवा के बनने से पशुओं के कॉर्नियल जख्म का इलाज काफी सस्ता और आसान हो जाएगा।

12 चूहों के छह ग्रुप बनाकर ऐसे किया गया शोध

वैज्ञानिक डॉ. किरणजीत सिंह ने बताया कि कॉर्नियल जख्म के लिए सस्ती दवा बनाने को उन्होंने तीन महीने पहले चूहों पर शोध करना शुरू किया। 12 चूहों के छह ग्रुप बनाए। हर ग्रुप में रखे चूहों की आंखों पर कॉर्नियल जख्म किया गया। प्रयोगशाला में एक निश्चित तापमान व मात्रा में होमियोपैथी की दो दवाओं को मिलाकर नई दवा बनाई गई।

इस नई दवा का प्रयोग कॉर्नियल जख्म पर किया गया। हर दिन माइक्रोस्पोक से दवा के असर को देखा गया। शोध में पाया गया कि कुछ ही दिनों में यह दवा कॉर्नियल जख्म को सही कर देता है। डॉ. किरणजीत का कहना है कि कुछ और टेस्ट के बाद यह दवा बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। शोध में डॉ. अलिफ्शा का भी योगदान रहा।



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