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सोनिया मिश्रा, चमोली/रुद्रप्रयाग.सौ मर्ज की एक दवा खोजी जाए तो शायद औषधीय गुणों से भरपूर सेमल के पेड़ पर आकर हमारी खोज थम जाए, क्योंकि इसके फूल, फल, छाल यहां तक कि कांटे भी कई बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर होते हैं. खून की सफाई, खांसी और मुहांसे ठीक करने के अलावा ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने सहित कई अन्य रोगों का यह रामबाण है. यही कारण है कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सेमल के पौधे का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. इसके पौधे से एक तरीके का गोंद निकलता है, जिसे ‘मोचरस’ कहा जाता है.
आयुर्वेद चिकित्सा में मोचरस, सेमल के कांटे, जड़ एवं सेमल की छाल का अधिक प्रयोग किया जाता है. सेमल के पत्ते और फूल ब्लड प्यूरीफायर की तरह काम करते हैं. खून को साफ करने के लिए आप सेमल के फूल और फल का सेवन कर सकते हैं. इससे रक्त संबंधी समस्याएं ठीक होने में मदद मिलती है. सेमल का फूल शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है, जो खून की सफाई में मददगार साबित हो सकता है.
महिलाओं और पुरुषों के लिए वरदान सेमल
महिला और पुरुष दोनों के सेमल किसी वरदान से कम नहीं है. इसके नए पेड़ की जड़ को मूसल नाम से पुकारा जाता है, जिसका प्रयोग शक्तिवर्धक औषधि के रूप में प्रमुखता से किया जाता है. इसके पत्ते महिलाओं में होने वाली गंभीर वजाइनल डिस्चार्ज यानी ल्यूकेरिया में बहुत मददगार होते हैं.
मुंहासे ठीक करने में मददगार
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल के मुख्य फार्मसिस्ट एसएस राणा बताते हैं कि सेमल के कांटे को हल्दी, पौधों के लेप को मुंहासे, त्वचा के दाग-धब्बे और पिगमेंटेशन के घरेलू इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं इसके फूल में एंटीएजिंग क्षमता होती है, जो उम्र बढ़ने के कारण त्वचा पर दिखने वाली झुर्रियों को कम कर सकता है. सेमल की पत्तियों और छाल में एंटी-एक्ने क्षमता होती है, जो मुंहासे की समस्या से राहत दिला सकती है. इसमें एंटी माइक्रोबियल इफ़ेक्ट होता है, जो फोड़े और चिकन पॉक्स जैसी त्वचा संबधी समस्याओं को कम कर सकता है.
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FIRST PUBLISHED : February 21, 2024, 12:14 IST
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