नई दिल्ली : भारत एक सदी यानि 100 साल से भी अधिक समय में अपने सबसे शुष्क अगस्त की ओर बढ़ रहा है. आंशिक रूप से अल नीनो (El-Nino) मौसम पैटर्न के कारण बड़े क्षेत्रों में कम वर्षा होने की संभावना है. मौसम विभाग के दो अधिकारियों ने शुक्रवार को रॉयटर्स को यह जानकारी दी और बताया कि 1901 में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से अगस्त की बारिश सबसे कम होने की उम्मीद है. इससे चावल से लेकर सोयाबीन तक गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों (Summer-sown Crops) की पैदावार को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे इनकी कीमतें बढ़ने के आसार हैं.
रॉयटर्स से भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “उम्मीद के अनुरूप मानसून पुनर्जीवित नहीं हो रहा है. इस महीने के अंत तक दक्षिणी, पश्चिमी और मध्य भागों में बारिश की भारी कमी देखी जा रही है.”
उन्होंने कहा, अब तक हुई बारिश और महीने के बाकी दिनों की उम्मीदों के आधार पर भारत में इस महीने औसतन 180 मिमी (7 इंच) से कम बारिश होने की संभावना है.
उम्मीद है कि मौसम अधिकारी 31 अगस्त या 1 सितंबर को अगस्त में कुल बारिश और सितंबर के लिए पूर्वानुमान की घोषणा करेंगे.
उन्होंने कहा, भारत में अगस्त के पहले 17 दिनों में सिर्फ 90.7 मिमी (3.6 इंच) बारिश हुई, जो सामान्य से लगभग 40% कम है. महीने का सामान्य औसत 254.9 मिमी (10 इंच) है.
इससे पहले, आईएमडी ने अगस्त में 8% तक बारिश की कमी का अनुमान लगाया था. रिकॉर्ड के अनुसार, अगस्त में सबसे कम बारिश 2005 में 191.2 मिमी (7.5 इंच) के साथ हुई थी.
आईएमडी के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पूर्वोत्तर और कुछ मध्य क्षेत्रों में अगले दो हफ्तों में मानसून की बारिश में सुधार होने की उम्मीद है, लेकिन उत्तर-पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में शुष्क स्थिति बनी रहने की संभावना है. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “आम तौर पर, हम अगस्त में पांच से सात दिनों तक शुष्क मौसम का अनुभव करते हैं. हालांकि, इस साल दक्षिणी भारत में शुष्क मौसम असामान्य रूप से लंबा रहा है. अल नीनो मौसम पैटर्न ने भारतीय मानसून को प्रभावित करना शुरू कर दिया है.”
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FIRST PUBLISHED : August 18, 2023, 16:54 IST