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1900 की शुरुआत के बाद से, विज्ञान जगत में महान उपलब्धियां हासिल करने के साथ मानव जीवन काल में काफी वृद्धि हुई है। टीकों के विकास और उचित उपचार सुविधाओं ने मानव जाति को कई बीमारियों पर विजय पाने में मदद की है जिन्हें कुछ दशक पहले घातक माना जाता था। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले कुछ सालों में इंसान खुद को 120 साल की पूरी तरह से स्वस्थ पाएगा। न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. अर्न्स्ट वॉन श्वार्ज का मानना है कि स्टेम सेल रिसर्च की बदौलत इस सदी के अंत तक इंसान 150 साल की उम्र तक जीवित रहेगा।
डॉ. अर्न्स्ट सीडर्स सिनाई मेडिकल सेंटर, यूसीएलए में डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन और दक्षिणी कैलिफोर्निया अस्पताल के हार्ट इंस्टीट्यूट में ट्रिपल बोर्ड-प्रमाणित इंटर्निस्ट, हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने “सीक्रेट्स ऑफ इम्मोर्टैलिटी” और “द सीक्रेट वर्ल्ड ऑफ स्टेम सेल थेरेपी” जैसी किताबें लिखी हैं। उनका कहना है, “मेरा मानना है कि हम जीवन को लम्बा खींच सकते हैं। संभवतः कुछ वर्षों के भीतर लोग 120, 150 साल तक आसानी से जीवित रह सकेंगे।”
न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत में उन्होंने कहा, “इसका मतलब यह नहीं कि हम बिस्तर में मौत का इंतजार कर रहे होंगे? वरन हर बीमारी छूमंतर होगी और इंसान 100 साल की उम्र पार कर जाने के बाद भी आरामदायक जीवन व्यतीत कर सकेगा।”
फिट रहना जरूरी
हालाँकि, डॉ. अर्न्स्ट इस बात पर जोर देते हैं कि स्वस्थ भोजन करने और नियमित रूप से व्यायाम करने के बिना यह संभव नहीं होगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 30 वर्ष की आयु वह समय है जब किसी को लंबे जीवन के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव की जरूरत होती है।
कैसे लंबी उम्र जी सकेंगे
डॉ. अर्न्स्ट ने कहा कि शरीर में स्टेम सेल विकसित होने से हम लंबी उम्र आसानी से जी सकेंगे। “हम बीमारी ठीक करने के लिए दवा यूज सकते हैं। उससे हटकर अब हम मुख्य रूप से स्टेम सेल थेरेपी का उपयोग करके खुद को फिट कर सकते हैं।”
क्या है स्टेम सेल
उन्होंने कहा स्टेम सेल भविष्य हैं। “भले ही स्टेम कोशिकाएं एफडीए प्रमाणित नहीं हैं, फिर भी यही चिकित्सा का भविष्य है जहां हम बीमारी को ठीक करने में सक्षम हैं और जीवन को लम्बा खींच सकते हैं, या उम्र बढ़ने की कुछ प्रक्रियाओं को भी कम कर सकते हैं।”
हालाँकि आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, मानव जाति के इतिहास में केवल एक ही व्यक्ति 120 वर्ष की आयु तक जीवित रहा है। फ्रांस के जीन कैलमेंट, जिनकी 1997 में 122 वर्ष और 164 दिन की आयु में मृत्यु हो गई थी, यह उपलब्धि हासिल करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं।