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Gorakhpur District Hospital: यूपी के गोरखपुर जिला अस्पताल में 5 साल बाद TMT जांच सुविधा फिर से शुरू होगी. जहां नई मशीन 12 लाख रुपये की लागत से खरीदी गई है. अब गरीब मरीजों को 300 रुपये में जांच मिलेगी, जिससे उन्…और पढ़ें
जांच और उपचार से हृदय रोगों से होने वाली मौतों में कमी लाई जा सकती है.
हाइलाइट्स
- गोरखपुर जिला अस्पताल में फिर से TMT जांच सुविधा शुरू होगी.
- नई TMT मशीन 12 लाख रुपये की लागत से खरीदी गई है.
- गरीब मरीजों को अब 300 रुपये में जांच की सुविधा मिलेगी.
गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर में दिल की बीमारियों से जूझ रहे गरीब और ‘मिडिल क्लास मरीजों’ के लिए राहत की खबर है. जिला अस्पताल में जल्द ही TMT (ट्रेडमिल टेस्ट) जांच की सुविधा फिर से शुरू होने जा रही है, जो बीते 5 सालों से बंद थी. शासन द्वारा 12 लाख रुपए की लागत से नई टीएमटी मशीन खरीदी गई है, जो अस्पताल को भेजी जा रही है.
300 रुपए में होगी जांच
इस मशीन के शुरू होते ही गरीब मरीजों को निजी जांच केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, जहां यही जांच 1500 रुपये तक में होती है. अब यह सुविधा जिला अस्पताल में केवल 300 रुपये में उपलब्ध होगी. इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सीधा लाभ मिलेगा.
गोरखपुर जिला अस्पताल के हृदय रोग (OPD) में हर दिन 70 से 80 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. टीएमटी जांच हृदय रोग की सटीक पहचान के लिए अत्यंत आवश्यक होती है. साल 2019 में अस्पताल की पुरानी टीएमटी मशीन खराब हो गई थी, जिसे कई बार मरम्मत की कोशिशों के बावजूद ठीक नहीं किया जा सका, मजबूरी में मरीजों को निजी सेंटरों की ओर रुख करना पड़ता था, जहां जांच महंगी होने के कारण कई बार मरीज इसे टाल देते थे. इससे बीमारियां गंभीर रूप ले लेती थीं.
मरीजों को अब नहीं होगी परेशानी
SIC डॉ. संजय कुमार ने बताया कि शासन ने मरीजों के परेशानी को देखते हुए नई मशीन की खरीद प्रक्रिया पूरी कर ली है और जल्द ही मशीन जिला अस्पताल में स्थापित कर दी जाएगी. मशीन के चालू होते ही नियमित जांच शुरू कर दी जाएगी. इस फैसले से न केवल मरीजों की जेब पर भार कम होगा, बल्कि समय पर बीमारी की पहचान भी संभव हो सकेगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि समय पर की गई जांच और उपचार से हृदय रोगों से होने वाली मौतों में कमी लाई जा सकती है.
वहीं, सीएमओ आशुतोष दुबे ने बताया कि शासन का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है. अब जरूरत है कि मशीन जल्द स्थापित हो और इसके संचालन के लिए प्रशिक्षित स्टॉफ भी उपलब्ध कराया जाए. ताकि मरीजों को बिना रुकावट यह सेवा मिल सके.