Friday, July 19, 2024
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160 सीटों पर दलितों का वर्चस्व, INDIA के लिए कितनी कारगर होगी खड़गे की उम्मीदवारी


इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ, पर गठबंधन आम लोगों तक अपना संदेश पहुंचाने में सफल रहा है। वर्ष 2024 में गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में पहुंचता है तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे प्रधानमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार होंगे। वहीं, उनकी दावेदारी से चुनावी लाभ मिल सकता है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संसद भवन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर कोई पूछता है कि इंडिया गठबंधन का फेस कौन है, इसलिए, उन्होंने बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उनके प्रस्ताव का समर्थन किया है। ममता बनर्जी जिस तरह सार्वजनिक तौर पर प्रधानमंत्री पद के लिए खड़गे की हिमायत कर रही है, उससे गठबंधन के घटकदलों और दूसरी पार्टियों पर भी दबाव बढ़ेगा। गठबंधन चुनाव जीतता है, तो दलित प्रधानमंत्री के नाम पर खड़गे का समर्थन करना बसपा सहित कई पार्टियों की मजबूरी होगी। ममता बनर्जी की यह रणनीति कांग्रेस को भी पसंद आ रही है।

दलित मतदाताओं पर ध्यान

कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि मल्लिकार्जुन खड़गे के जरिए दलित मतदाताओं का समर्थन हासिल किया जा सकता है। देश में करीब 17 फीसदी अनुसूचित जाति और 9 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की हिस्सेदारी है। लोकसभा में एससी/एसटी के लिए 131 सीट आरक्षित है। पर दलित मतदाता 160 से ज्यादा लोकसभा सीट पर अपना असर डालते हैं।

दस राज्यों में अधिक दलित आबादी

देश में सबसे अधिक दलित आबादी वाले राज्यों में पंजाब, आंध्र प्रदेश, यूपी, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में दलित मतदाताओं ने भाजपा को वोट किया और वह 18 सीट जीतने में सफल रही थी। ऐसे में ममता दलितों का भरोसा जीतना चाहती है।

कर्नाटक-तेलंगाना में बढ़ा वोट

एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकसभा दलित मतदाताओं की भूमिका काफी अहम है। वर्ष 2014 में 24 और 2019 में 34 प्रतिशत दलित मतदाताओं ने भाजपा को वोट किया है। ऐसे में इंडिया गठबंधन को दलितों को केंद्र में रखकर रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि खड़गे के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद कर्नाटक और तेलंगाना दलित वोट बढा है।

भाजपा पर भी दलितों को भरोसा

राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश चुनाव में दलित मतदाताओं ने भाजपा पर भरोसा जताया है। ऐसे में कांग्रेस के सामने भी दलित मतदाताओं का भरोसा जीतने की बड़ी चुनौती है। कांग्रेस नेता मानते हैं कि इंडिया गठबंधन मल्लिकार्जुन खड़गे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाता है, तो गठबंधन के सभी घटकदलों को इसका चुनावी लाभ मिलेगा।

वर्ष 2014 में आरक्षित सीट पर परिणाम

– भाजपा – 67 (40 एससी, 27 एसटी)

– कांग्रेस – 12 ( 07 एससी, 05 एसटी)

वर्ष 2019 में आरक्षित सीट पर परिणाम

– भाजपा -77 (46 एससी, 31 एसटी)

– कांग्रेस -09 (05 एससी, 04 एसटी)

खड़गे की ताकत

– कांग्रेस संगठन पर मजबूत पकड़

– गांधी परिवार के भरोसेमंद

– विपक्षी नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते

– धाराप्रवाह अंदाज में हिंदी बोलना

-लगातार दस चुनाव जीतना

खड़गे की कमजोरी

– उम्र 80 से अधिक

– 2019 चुनाव में हार

– दक्षिण भारत से संबंध

– करिश्मे की कमी

– व्यापक अपील नहीं



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