Home National 1989 किडनैपिंग केस में बढ़ीं आतंकवादी यासीन मलिक की मुश्किलें, चश्मदीद ने पहचाना

1989 किडनैपिंग केस में बढ़ीं आतंकवादी यासीन मलिक की मुश्किलें, चश्मदीद ने पहचाना

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1989 किडनैपिंग केस में बढ़ीं आतंकवादी यासीन मलिक की मुश्किलें, चश्मदीद ने पहचाना

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जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण मामले में एक चश्मदीद ने यासीन मलिक की पहचान कर ली है। उसे शुक्रवार को यहां एक विशेष अदालत के समक्ष वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया था। 

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, चश्मदीद ने पुष्टि की है कि वह रुबैया सईद के अपहरण के समय उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर गया था और उसने उस जगह और उससे जुड़े लोगों की पहचान कर ली है। अभियोजन पक्ष ने इसे अपने पक्ष के लिए एक बड़ी सफलता करार दिया। यासीन मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। वह आतंक वित्तपोषण मामले में जेल की सजा काट रहा है। उसे गृह मंत्रालय के आदेश के कारण अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेश नहीं किया गया था। मंत्रालय ने एक आदेश में मलिक की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंधित लगाया है। 

वरिष्ठ लोक अभियोजक एस के भट ने संवाददाताओं से कहा, “आज, रुबैया सईद अपहरण मामले में टाडा अदालत के विशेष न्यायाधीश के समक्ष यासीन मलिक की पेशी थी। हमने दो चश्मदीद गवाहों नंबर 7 और नंबर 13 को तलब किया था। चश्मदीद नंबर 13 अदालत में मौजूद था और चश्मदीद नंबर 7 स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सका।” अभियोजन पक्ष ने कहा कि चश्मदीद (13) का बयान दर्ज किया गया और मलिक जांच के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित था। मामले का अन्य आरोपी भी अदालत में मौजूद था।”

भट ने कहा कि चश्मदीद ने वर्चुअल मोड के माध्यम से मलिक की पहचान की। उसने एक अन्य आरोपी मोहम्मद जमान की भी खुली अदालत में पहचान की है। उन्होंने कहा कि चश्मदीद ने स्वीकार किया कि रुबैया सईद के अपहरण के एक दिन बाद वह एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी के साथ सोपोर गया था। उन्होंने कहा, “उसके बयान के अनुसार, वह वहां खान गेस्ट हाउस में दो आरोपियों से मिला और उसने दोनों ही आरोपियों की पहचान कर ली। अभियोजन पक्ष के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।”

भट ने कहा कि दो आरोपियों में अली मोहम्मद मीर यासीन मलिक के बाद अपहरण मामले का मुख्य आरोपी है। अली मोहम्मद मीर रुबैया सईद को अपने वाहन में श्रीनगर से सोपोर ले गया था और उसे खान गेस्ट हाउस में रखा था। उन्होंने कहा कि जब प्रत्यक्षदर्शी श्रीनगर लौटे तो मीर ने उन्हें अपना वाहन दे दिया और प्रत्यक्षदर्शियों का वाहन सोपोर में रखा गया। भट ने कहा कि चश्मदीद (13) ने अदालत में दो बार जगहों और आरोपियों की पहचान की।

अदालत ने अभियोजन पक्ष को मामले में दोनों गवाहों को सुनवाई की अगली तारीख 31 मार्च को पेश करने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को रुबैया सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुईं क्योंकि उनके छूट के आवेदन को अदालत ने पहले ही मंजूरी दे दी थी। 15 जुलाई को पिछली सुनवाई के दौरान रुबैया ने मलिक समेत पांच आरोपियों की पहचान की थी।

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