Wednesday, September 4, 2024
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2.5 लाख के दो इंजेक्शन से खत्म हो जाएगा हाई कोलेस्ट्रॉल, मौत के मुंह से खींच लाएगी दवा, पर ऊंची कीमत समस्या


हाइलाइट्स

दवा मुख्य रूप से लिवर में बनने वाले पीसीएसके 9 (PCSK9) प्रोटीन को आगे बढ़ने से रोक (Inhibit)देता है.
यही प्रोटीन कोलेस्ट्रॉल के सिंथेसिस में मदद करता है.

High Cholesterol New Treatment: हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल एक महत्वपूर्ण वसा है. इसे लिपिड भी कहते हैं. कोलेस्ट्रॉल कई तरह के होते हैं. सबका अपना-अपना अलग-अलग काम है. कोलेस्ट्रॉल शरीर में प्रमुख रूप से सेल मेंब्रेन, कई तरह के हार्मोन और विटामिन डी बनाता है. शरीर में दो तरह से कोलेस्ट्रॉल बनता है. एक भोजन से और दूसरा लिवर खुद बनाता है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कोलेस्ट्रॉल जितना हमारे शरीर के लिए जरूरी है, अगर यह ज्यादा बनने लगे तो उतना ही यह हमारे लिए नुकसानदेह भी है. लो डेंसिटी कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल बहुत घातक कोलेस्ट्रॉल होता है.

अगर यह हमारे खून में 100 मिलीग्राम प्रति डेसी लिटर से ज्यादा हो जाए तो जान के लिए दुश्मन बन जाता है. मुश्किल यह है कि जब इसकी मात्रा बढ़ती है तब इसका पता भी नहीं चलता. इसलिए अधिकांश लोग इस बात से नजरअंदाज रहते हैं. इसका नतीजा अचानक हार्ट अटैक या स्ट्रोक के रूप में सामने आ जाता है.

किस तरह की दवा है

एलडीएल कोलेस्ट्रॉल जब ज्यादा होने लगता है तो यह खून की धमनियों में पहुंचने लगता है जिससे हार्ट को सही तरीके से खून नहीं पहुंचता. वर्तमान में इसकी जो दवा है वह कोलेस्ट्रॉल को कम नहीं करता लेकिन इसे और अधिक बढ़ने से रोकता है. पर अब KEM Hospital, Mumbai केईएम अस्पताल मुंबई में एक नई दवा का ट्रायल चल रहा है. इस दवा का नाम Inclisiran है. ट्रायल में इसका परिणाम बहुत सकारात्मक रहा है. इस दवा से कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने का दावा किया जा रहा है. ट्रायल होने के बाद जल्द ही इस दवा को अब डीसीजजीआई (Drug controller general of India) को मंजूरी मिलने वाली है. यह इंजेक्शन के रूप में है जिसे साल में दो बार दिया जाता है जिनकी कीमत 2.5 से 3 लाख रुपये तक है.

किस तरह काम करता है यह इंजेक्शन

फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि इंस्लीसीरान (Inclisiran) का ट्रायल चल रहा है और इसका परिणाम बहुत अच्छा रहा है. यह शेफ है. डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि इंस्लीसीरान से पहले भी हमारे पास दवाइयां है. एक दवा रिपाथा होती है. लेकिन इस इंजेक्शन को महीने में दो बार लिया जाता है. इन दवाइयों से एलडीएल 50 प्रतिशत कम हो जाता है. जाहिर है इसके बाद हार्ट डिजीज का खतरा भी कम होगा ही. उन्होंने बताया कि यह दवा मुख्य रूप से लिवर में बनने वाले पीसीएसके 9 (PCSK9) प्रोटीन को आगे बढ़ने से रोक (Inhibit)देता है. पीसीएसके 9 प्रोटीन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के सिंथेसिस को बढ़ा देता है. यानी यही प्रोटीन गंदे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है. इंस्लीसीरान पीसीएसके 9 प्रोटीन के पाथवे यानी रास्ते को ही रोक देता है जिससे कोलेस्ट्रॉल बनना बंद हो जाता है. उन्होंने बताया कि यदि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल में 1 मिलीग्राम की कमी होती है तो हार्ट डिजीज का खतरा 2 प्रतिशत तक कम हो जाता है.

किन लोगों के लिए यह इंजेक्शन बनेगा रामबाण

डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि जब किसी में ज्यादा बैड कोलेस्ट्रॉल बनता है तो इसे कम करना बहुत मुश्किल होता. वर्तमान में जो दवा है उससे कोलेस्ट्रॉल को आगे बढ़ने से रोक दिया जाता है. यानी जितना कोलेस्ट्रॉल है अब उससे ज्यादा नहीं बनेगा. लेकिन जिन लोगों को बहुत अधिक बैड कोलेस्ट्रॉल है, उन लोगों के लिए यह दवा भी उतना असरदार नहीं है क्योंकि उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल पहले से ही बहुत बढ़ा हुआ है. ऐसे में इंस्लीसीरान बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. क्योंकि इस इंजेक्शन से 50 प्रतिशत तक कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है. जिन लोगों में जेनेटिकली कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है या जिनके परिवार में हार्ट डिजीज से संबंधित इतिहास है, उन लोगों में यदि कोलेस्ट्रॉल खतरे के निशान से ज्यादा है, तो उन लोगों के यह दवा बहुत फायदेमंद साबित होगी.

कीमत कितनी बड़ी समस्या

इस तरह की दवाइयां ब्रिटेन और अमेरिका में दी जा रही है. लेकिन वहां इसकी कीमत 5 लाख के करीब है. पर भारत में जिस इंजेक्शन का ट्रायल चल रहा है उसकी कीमत इससे आधी बताई जा रही है. हालांकि अब तक इसकी वास्तविक कीमत के बारे में किसी को पता नहीं. यह डीसीजीआई की मंजूरी के बाद पता चलेगा लेकिन माना जा रहा है कि एक इंजेक्शन की कीमत सवा लाख से 1.5 लाख के बीच होगी. डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि जब कोई नई दवा आती है तो उसकी कीमत ज्यादा रहती ही. चूंकि इसे विशेष रिसर्च और टेक्नोलॉजी की मदद से बनाया गया है, तो इसकी कीमत ज्यादा होगी ही. लेकिन जैसे-जैसे समय बितता है और रिसर्च आगे बढ़ती है, यही दवा सस्ती होती जाती है. हालांकि यह दवा खास तरह के मरीजों में ही दिया जाता है.

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Tags: Health, Lifestyle



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