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उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल अस्पताल में 20 साल से प्लियोमार्फिक एडिनोमा की गांठ से पीड़ित एक रेलवे पेंशनर का सफल ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज को राहत मिली और डीआरएम ने पूरी टीम की सराहना की.

रेलवे अस्पताल ने सफल ऑपरेशन कर मरीज को 20 वर्षों पुरानी पीड़ा से दी राहत
हाइलाइट्स
- जोधपुर रेलवे अस्पताल में 20 साल पुरानी बीमारी का सफल ऑपरेशन.
- प्लियोमार्फिक एडिनोमा की गांठ से पीड़ित मरीज को राहत मिली.
- डीआरएम ने ऑपरेशन टीम की सराहना की.
जोधपुर- उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल रेलवे अस्पताल में बुधवार को एक रेलवे पेंशनर का जटिल ऑपरेशन कर उसे 20 वर्षों पुरानी पीड़ा से राहत दिलाई गई. नाक, कान और गला (ईएनटी) विभाग में इस सफल सर्जरी ने मरीज को बड़ी राहत पहुंचाई है.
पिछले तीन सालों में बढ़ी परेशानी
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीताराम बुनकर ने जानकारी देते हुए बताया कि मरीज पिछले 20 वर्षों से दाईं पैरोटिड ग्रंथि में प्लियोमार्फिक एडिनोमा की गांठ से पीड़ित था. बीते तीन वर्षों में यह गांठ बढ़कर पांच सेंटीमीटर से भी बड़ी हो गई थी, जिससे मरीज के चेहरे की बनावट बिगड़ रही थी और उसे सामाजिक व मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा था.
मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर में हुआ सफल ऑपरेशन
बुधवार को अस्पताल के नाक, कान और गला विभाग के वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुलाब सिंह सारण ने मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर में इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. ऑपरेशन के दौरान निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. एम.सी. पंवार और नर्सिंग स्टाफ विनीता पंवार, ऋषि गहलोत, सुरेंद्र और चंद्रप्रकाश ने भी अहम भूमिका निभाई. डॉ. बुनकर ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति संतोषजनक है और उसे जल्द अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी. समय पर उपचार न होने पर ऐसे मामलों में स्थिति जटिल हो सकती है.
डीआरएम ने दी सराहना, टीम को दी बधाई
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि इस सफल ऑपरेशन की सूचना डीआरएम अनुराग त्रिपाठी को दी गई. डीआरएम ने इसे गौरवपूर्ण कार्य बताते हुए कहा कि रेलवे की अत्याधुनिक मशीनरी और चिकित्सकीय सुविधाओं का अधिकतम उपयोग होना चाहिए ताकि रेफरल मामलों में कमी लाई जा सके और मरीजों को समय पर इलाज मिल सके.
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