Tuesday, February 4, 2025
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20-40 साल के युवाओं में बढ़ रहा जोड़ों में दर्द, रूमेटाइड अर्थराइटिस है वजह, धूप से बचना हो रहा खतरनाक


Rheumatoid Arthritis: बड़े-बुजुर्गों की बीमारी कही जाने वाली रूमेटाइड अर्थराइटिस अब युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है. खासतौर पर 20 से 40 साल तक की उम्र में जोड़ों में दर्द के सबसे ज्‍यादा मामले सामने आ रहे हैं. ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में आने वाले मरीजों के आधार पर स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का कहना है कि रूमेटाइड अर्थराइटिस से सबसे ज्‍यादा प्रभावित महिलाएं हो रही हैं. कई बार यह बीमारी इतनी ज्‍यादा प्रभावित करने लगती है कि हड्डियां तक खोखली होने की स्थिति में पहुंच जाती है और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्‍या बन जाती है.

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में इंटरनल मेडिसिन विभाग में एडिशनल प्रोफेसर डॉ. आर के यादव बताते हैं कि आजकल युवाओं के घुटनों से लेकर कमर और अन्‍य जोड़ों में दर्द की परेशानी देखने को मिल रही है. इससे जोड़ों में सूजन और इन्‍फ्लेमेशन जैसी समस्‍या भी हो जाती है. बिना इलाज के लंबे समय तक सूजन रहने से जोड़ों को नुकसान भी पहुंच सकता है.

ये हैं रूमेटाइड अर्थराइटिस के बड़े कारण
डॉ. यादव कहते हैं कि युवाओं में और खासतौर पर नई उम्र में रूमेटाइड अर्थराइटिस की चार प्रमुख वजहें देखने को मिल रही हैं.

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धूप का कम एक्‍सपोजर– डॉ. कहते हैं कि धूप का कम एक्‍सपोजर होना भी रूमेटाइड अर्थराइटिस की बड़ी वजह है. खासतौर पर महिलाएं घरों के अंदर रहने के कारण या फिर वर्किंग भी हैं तो भी वे पूरा समय ऑफिस में रहने के कारण धूप नहीं ले पातीं और इस वजह से विटामिन डी की कमी झेलती रहती हैं. भारत में ऐसी कई रिसर्च भी सामने आ चुकी हैं जिनमें यह बताया गया कि ज्‍यादातर फीमेल्‍स में विटामिन डी की कमी है.

कैल्शियम की कमी- शरीर में जो भी कैल्शियम रहता है वह समय के साथ-साथ कम होता जाता है, ऐसे में शरीर को अतिरिक्‍त कैल्शियम की जरूरत रहती है. हालांकि इस ओर लोगों का ध्‍यान नहीं रहता और कैल्शियम की कमी से हड्डियां कम होती जाती हैं. यह भी अर्थराइटिस का एक बड़ा कारण है.

व्‍यायाम न होना- किसी भी व्‍यक्ति के लिए नियमित व्‍यायाम स्‍वस्‍थ रहने के लिए जरूरी हैं. हालांकि आज की लाइफस्‍टाइल के चलते किसी भी प्रकार के व्‍यायाम के लिए लोगों के पास समय नहीं है. जिसकी वजह से शरीर में धीरे-धीरे इम्‍यूनिटी गड़बड़ होने लगती है और रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी ऑटो इम्‍यून डिजीज पैदा हो जाती हैं.

सेडेंट्री लाइफस्‍टाइल- आजकल की बैठे रहने की लाइफस्‍टाइल की वजह से जोड़ों में दर्द की परेशानी बढ़ रही है. एक जगह पर बैठकर घंटों काम करने की लोगों की आदत उनकी मांसपेशियों को कमजोर कर रही है और इसका असर हड्डियों पर भी पड़ रहा है.

क्‍या करें युवा
डॉ. कहते हैं कि रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचने या इससे उबरने के लिए चार चीजें करना जरूरी है. पहली रोजाना सुबह धूप में थोड़ी देर बैठें. इससे विटामिन डी आपके शरीर में मौजूद रहेगी. खानपान में कैल्शियम, विटामिन, खनिज, प्रोटीन आदि की पर्याप्‍त मात्रा का ध्‍यान रखें. जंक फूड को अवॉइड करें. संभव हो सके तो रोजाना व्‍यायाम करें और अगर ये नहीं हो पा रहा है तो रोजाना कुछ देर पैदल जरूर चलें. एक जगह घंटों बैठे र‍हकर कोई काम न करें, बीच-बीच में टहलें, शरीर को स्‍ट्रेच करें.

Tags: Health News, Trending news in hindi



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