Home National 2014 के बाद 18 बार जिनपिंग से मिले मोदी, चीनी घुसपैठ को दी क्लीन चिट; कांग्रेस ने पूछे सवाल

2014 के बाद 18 बार जिनपिंग से मिले मोदी, चीनी घुसपैठ को दी क्लीन चिट; कांग्रेस ने पूछे सवाल

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2014 के बाद 18 बार जिनपिंग से मिले मोदी, चीनी घुसपैठ को दी क्लीन चिट; कांग्रेस ने पूछे सवाल

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अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन की ताजा घुसपैठ को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि चीन के अतिक्रमण से भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को खुलेआम चुनौती दी जा रही है और केंद्र सरकार ‘‘मूकदर्शक’’ बनी हुई है। खड़गे ने भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा कराने की भी मांग की।

एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 2014 के बाद 18 बार जिनपिंग से मिले हैं। खड़गे के मुताबिक, पीएम घुसपैठ को लेकर चीन को ‘क्लीन चिट’ भी दे चुके हैं। खड़गे ने लिखा, “हमें हमारी भारतीय सैनिकों पर बहुत गर्व है। पूरा देश एकजुट होकर सेना की बहादुरी की प्रशंसा करता है। हम सभी जानते हैं कि अप्रैल 2020 से लगातार चीन हमारे सीमा के अंदर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है। देश की जनता की ओर से हम चीन की घुसपैठ पर संसद में चर्चा चाहते हैं।”

हाल ही में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने खड़गे ने लिखा, “16 जून 2020 को चीनी सैनिकों के साथ झड़प में हमारे 20 बहादुर जवान शहीद हुए। हमारे जवानों ने भी बहादुरी से उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया।बड़ी संख्या में चीनियों को मार गिराया। 20 जून 2020 को PM ने चीन को Clean Chit देकर कहा-“न कोई हमारी सीमा में घुसा और न ही कोई घुसा हुआ है।”

उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’ पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को इस संवेदनशील सेक्टर (तवांग) में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।

इसको लेकर खड़गे ने ट्वीट कर आगे कहा, “मैं जो आपसे कहना चाहता हूँ वो मेरे नहीं देश की जनता के सवाल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, आप 2014 के बाद 18 बार शी जीनपिंग से मिले हैं। 16 बार Military Talks (सैन्य वार्ता) हुई है। ये बताइए कि क्या चीन अप्रैल 2020 से पहले के Status Quo Ante (यथास्थिति) को क्या मानने को तैयार नहीं है?” 

उन्होंने कहा, “तवांग, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख – भारत के अभिन्न अंग है। हमारे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री सभी वहाँ जाते रहते हैं। इसके बावजूद चीन किस अधिकार से उस इलाक़े में घुसपैठ करना चाहता है? अप्रैल 2022 के बाद की घटनाओं को देखें तो Y Junction देपसांग प्लेन में, पांगोंग त्सो लेक एरिया मे, गोगरा व हॉट स्प्रिंग में भी चीनी घुसपैठ और अतिक्रमण का प्रयास जारी है। जो कि हमारी संप्रभुता और अखंडता पर चोट है। हाल ही में घटित सभी घटनाओं का देश को जानने का अधिकार है।”

खड़गे ने कहा, “कभी खबर आती है कि अरुणाचल प्रदेश में गांव बसा लिया.. कभी देपसांग में दो सौ shelter बना लिए। कभी Military Facility बनाने की खबर आती है। चीनी सैनिकों की Divisional HQ, Army Garrison, Weapon Shelters for Artillery, Anti- Aircraft Guns लगाने की खबरें आती हैं। ऐसा क्यों है?”

खड़गे ने आखिरी ट्वीट में लिखा, “इसीलिये देश की ओर से हम चाहते हैं कि सारी स्तिथि स्पष्ट हो। भारत की धरती पर क़ब्ज़ा हम किसी को नहीं करने देंगे। पूरा देश इस विषय पर एकजुट है। पर आपको  देश को साफ़ – साफ बताना पड़ेगा। गलवान में शहीद हमारे जवानों के लिये, सारे तथ्य बताने चाहिए। संसद में चर्चा करिए। “

इससे पहले खड़गे ने कहा कि डोकलाम क्षेत्र से भी चीनी अतिक्रमण की इसी तरह की अपुष्ट खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह भी सर्वविदित है कि जून 2017 में डोकलाम गतिरोध के बाद चीन ने बारहमासी सड़कों और बंकरों का निर्माण किया है, जो ‘चिकन्स नेक’ सेक्टर में हमारी सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि चीनी अतिक्रमणों और उसकी अवैध गतिविधियों पर सदन में तत्काल चर्चा की मांग करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सरकार को हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए बढ़ते चीनी खतरे के बारे में देश को अवगत कराना चाहिए।’’

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