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यूपी निकाय चुनाव में करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर सभी छोटे बड़े पदाधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा का अभियान गांव-गांव तेजी के साथ चलाया जाए। स्टेट कमेटी और सभी 18 मंडलों में जिलों के पदाधिकारियों की बैठक लेते हुए मायावती ने कहा कि अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में मिशनरी लक्ष्य के साथ लगन से जुट जाना है।
उन्होंने निकाय चुनाव की जिलेवार समीक्षा की और फीडबैक लिया। कहा कि चुनाव में भाजपा और समाजवादी पार्टी ने साम दाम दंड भेद जैसे घिनौने हथकंडे अपनाये। भाजपा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए दमन की कार्रवाई की। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत रही।
उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र एवं भविष्य के लिए बेहद दुखद है। इसका जवाब लोकसभा चुनाव में जनता देगी। निकाय चुनाव में लोगों की आपसी गुटबाजी, रंजिश और मनमुटाव तथा चुनाव में टिकट नहीं मिल पाने आदि के कारण हालात थोड़े दिन अलग जरूर रहते हैं। इसे आगे ध्यान में रखकर संगठन को मजबूत किया जाए। कहा कि चाहे जो भी दावा करे लेकिन वास्तविकता यह है कि ओबीसी आरक्षण तथा महिला सीटों के आरक्षण समेत शुरू से लेकर अंत तक निकाय चुनाव को हर तरह से मैनेज व मैनिपुलेट किया गया। बावजूद इसके मेयर चुनाव को छोड़कर भाजपा की दाल लोगों ने बहुत ज्यादा नहीं गलने दी।
मायावती ने कहा कि मेयर का चुनाव भी यदि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से होता तो परिणाम कुछ और होते। उन्होंने कहा कि आगरा और सहारनपुर के मेयर चुनाव में बसपा को घिनौना षड्यंत्र करके हरा दिया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता चुनावी खर्च के लिए पार्टी को आर्थिक रूप से मजबूत रखने को कभी ना भूलें।