एनसीपी प्रमुख शरद पवार से खटपट की खबरों के बीच भतीजे अजित पवार ने बड़ा बयान देकर पार्टी में दरार की अफवाहों को और जोर दिया है। एक मराठी अखबार से बातचीत में अजीत ने कहा कि 2024 में अभी देर है, वो तो अभी मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश रखते हैं। अजित ने यह जवाब इस सवाल के जवाब में कहा कि वह 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए लक्ष्य बना रहे हैं?
महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले एक साल से अस्थिरता का दौर बदस्तूर जारी है। कुछ दिनों से एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके डिप्टी अजीत पवार के बीच सियासी घमासान की खबरें सामने आ रही हैं। पहले सूत्रों से पता लगा कि अजीत एनसीपी विधायकों के साथ बीजेपी में जाने वाले हैं और नई सरकार का गठन कर सकते हैं।
2024 में देर, अभी बनना है सीएम
इस बीच शुक्रवार को एक मराठी अखबार से बातचीत में अजित पवार ने सनसनीखेज बयान देकर सियासी बवंडर ला दिया। 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सीएम के लक्ष्य पर पूछे सवाल के जवाब में अजित ने कहा, “2024 क्यों, अब भी मैं मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश रखता हूं।”
अजित का यह बयान एनसीपी में दरार की अफवाहों के बीच आया है, जिसमें अजित पवार के भविष्य के राजनीतिक कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
महाविकास अघाड़ी गठबंधन की बात करते हुए अजित ने कहा, “हम धर्मनिरपेक्षता और प्रगतिशील होने के बारे में बात करते थे। लेकिन 2019 में, हम- कांग्रेस और एनसीपी- ने सरकार बनाने के लिए शिवसेना के साथ गठबंधन किया और इसलिए हम धर्मनिरपेक्षता से अलग हो गए क्योंकि शिवसेना एक हिंदुत्व पार्टी रही है।”
गौरतलब है कि महाराष्ट्र पिछले साल राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजरा था, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोह ने राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया था। एकनाथ शिंदे की सेना ने राज्य में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिलाया था।
अब हाल ही में ऐसी अटकलें लगाई गई हैं कि अजीत पवार और उनके प्रति वफादार विधायकों का एक समूह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सकता है। अजित पवार ने हालांकि ऐसी सभी खबरों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि एनसीपी में किसी तरह की दरार और उनके भाजपा से हाथ मिलाने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है।
एनसीपी बैठक में नहीं पहुंचे अजित
इस बीच, अजीत पवार पूर्व प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए मुंबई में एनसीपी की बैठक में शामिल नहीं हुए। अजीत पवार ने कहा कि वह एनसीपी की बैठक में शामिल नहीं हो सके क्योंकि उन्हें उसी समय होने वाले कुछ अन्य कार्यक्रमों के लिए उपस्थित रहना पड़ा। एनसीपी ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि अजीत पवार के पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि वह संगठन छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
भाजपा का क्या कहना है
उधर, भाजपा का कहना है कि एमवीए के नेता पवार की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। शुक्रवार को महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने महा विकास अघाड़ी के नेताओं पर अजीत पवार को बदनाम करने और उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का आरोप लगाया। बावनकुले ने कहा कि अजीत पवार ने पिछले तीन महीनों में उनसे मुलाकात नहीं की है और न ही उन्होंने सत्ता पक्ष के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है।