Home Health 3 हर्ब्स यूरिक एसिड को जोड़ों में ही देते हैं गला, अर्थराइटिस के दर्द से मिलता है निजात, इस तरह करना होगा सेवन

3 हर्ब्स यूरिक एसिड को जोड़ों में ही देते हैं गला, अर्थराइटिस के दर्द से मिलता है निजात, इस तरह करना होगा सेवन

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हाइलाइट्स

त्रिफला के सेवन से यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है. त्रिफला में आंवला, हरड़ और बहेड़ा का चूर्ण मिला होता है.
कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि हल्दी दर्द से राहत दिलाने में शानदार औषधि है.

Best Herbs That Control Uric Acid and Gout Pain: हर इंसान को रोजाना 50 से 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है. प्रोटीन को पूरा करने के लिए इंसान दाल, चावल, हरी सब्जियां, दूध, अंडा, मटन, पनीर आदि खाते हैं. लेकिन जब ये चीजें पेट में जाकर टूटता है तो इससे प्यूरिन बनता है. और यही प्यूरिन यूरिक एसिड में बदल जाता है. आमतौर पर शरीर में बने अतिरिक्त यूरिक एसिड को पेशाब के रास्ते बाहर कर दिया जाता है लेकिन जब यूरिक एसिड की मात्रा शरीर में बढ़ने लगती है तो यह क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमा होने लगता है. यह बहुत हार्ड हो जाता है और इस कारण जोड़ों में बेपनाह दर्द होता है. ज्यादा उम्र के लोगों में यूरिक एसिड का ज्यादा असर होता है.

हालांकि कुछ फूड ऐसे हैं जिनसे यूरिक एसिड ज्यादा बनता है. इसलिए गठिया के मरीजों को इन चीजों का सेवन कम करना चाहिए. लेकिन प्रोटीन वाले हर फूड से प्यूरिन बनता है और इससे यूरिक एसिड भी बनेगा. इसे हम रोक नहीं सकते. जिन लोगों को अर्थराइटिस की परेशानी है उसमें यूरिक एसिड के असर को कम करने वाले कुछ हर्ब्स फायदा पहुंचा सकता है. आइए जानते हैं कि वे कौन से ऐसे हर्ब्स हैं जिनका सेवन करने से यूरिक एसिड के असर को कम किया जा सकता है.

यूरिक एसिड को गलाने वाले हर्ब्स

1. त्रिफला-हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक त्रिफला के सेवन से यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है. त्रिफला में आंवला, हरड़ और बहेड़ा का चूर्ण मिला होता है. आयुर्वेद में इससे पेट से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता है. ये तीनों फल शरीर में तीनों दोषों को ठीक करते हैं. रिसर्च के मुताबिक त्रिफला में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है जो घुटनों में जमी सूजन को कम करने में मददगार होता है. इसलिए त्रिफला का सेवन गठिया की बीमारी में रामबाण साबित हो सकता है.

2. गिलोय-आयुर्वेद में गिलोय का विशेष महत्व है. इससे कई तरह की बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है. 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि गिलोय का जूस गठिया के इलाज में बेहतरीन काम करता है और यूरिक एसिड बहुत कम कर देता है.

3. नीम-दर्द से राहत दिलाने के लिए अक्सर नीम का इस्तेमाल किया जाता है. नीम एंटी-इंफ्लामेटरी होता है. हालांकि 2011 के एक अध्ययन में नीम को लेकर कहा गया कि यह गठिया के दर्द से राहत दिलाता है लेकिन यह यूरिक एसिड को कम करने में उतना कारगर नहीं है, इसलिए इसपर और रिसर्च की जरूरत है. वैसे जोड़ों के दर्द में नीम के पत्ते को पीसकर लगाना चाहिए.

4. चेरी और डार्क बेरी-आयुर्वेद में चेरी और डार्क बेरी से यूरिक एसिड के कम होने का दावा किया जाता है. 2012 में एक पायलट स्टडी में यह साबित हुआ था कि चेरी का जूस यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में बहुत फायदेमंद है. चेरी के अलावा अनार के जूस से भी यूरिक एसिड कम होता है.

5. हल्दी-कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि हल्दी दर्द से राहत दिलाने में शानदार औषधि है. हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इंफ्लामेटरी कंपाउड होता है जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है. इसका सेवन करने से यूरिक एसिड भी कम होता है. हल्दी से किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं है.

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